नई दिल्ली। पश्चिमी दिल्ली के मंगोपुरी इलाके में रिंकू शर्मा की हत्या को लेकर सनसनीखेज खुलासा हुआ है। दिल्ली पुलिस की जांच में सामने आया है कि रिंकू शर्मा जिनके दुख में अपना खून देकर शामिल हुए उन्हीं लोगों ने उनकी पीठ में चाकू घोंपकर मौत के घाट उतार दिया। इस घटना से आसपास के लोगों में भारी रोष है।
हत्या में शामिल एक आरोपित इस्लाम की पत्नी डेढ़ वर्ष पहले गर्भवती थी। उस दौरान उसकी हालत बहुत खराब थी। रोहिणी स्थित अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान उपचार के लिए खून की आवश्यकता थी। ऐसे में रिंकू शर्मा ने दो बार रक्त दान कर आरोपित इस्लाम की पत्नी को जीवनदान दिया। यहीं नहीं रिंकू ने आरोपित इस्लाम के भाई शकुरू को कोरोना होने पर उसे अस्पताल में भर्ती कराने में मदद की थी, लेकिन शायद रिंकू को यह नहीं पता था कि जिसको वह अपना खून दे रहा है, वही उसके खून के प्यासे हो जाएंगे। पड़ोसी रमेश ने बताया कि रिंकू का किसी के साथ दुश्मनी नहीं थी। वह एक नेक दिल इंसान थे।
घर की जिम्मेदारी संभाली हुई थी
रिंकू की मां राधा शर्मा व पिता अजय शर्मा रक्तचाप व मधुमेह के मरीज हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि अजय ने बहुत पहले नौकरी छोड़ दी थी। वहीं रिंकू की मां ने भी कुछ महीने पहले नौकरी छोड़ दी थी। ऐसे में घर की जिम्मेदारी रिंकू पर थी। वह छोटे भाइयों की जरूरतों का भी खयाल रखते थे। उनकी मौत के बाद परिवार के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है।
मिली जानकारी के मुताबिक, रिंकू के घर पर बुधवार रात करीब 12 बजे हमलावरों ने काफी देर तक उत्पात मचाया। बचाव के क्रम में रिंकू को हमलावरों ने आरीनुमा चाकू पीठ में घोप दिया। स्थानीय लोगों ने बताया कि घायल होने के बावजूद रिंकू जय श्री राम के नारे लगाते हुए आरोपितों के पीछे भागे भी थे।
घर में आग लगाने की भी की थी कोशिश
रिंकू की मां राधा ने बताया कि हमलावरों ने किचन में रखे गैस सिलेंडर निकाल कर आग लगाने की कोशिश भी की थी। हमलावरों की संख्या 15 से अधिक थी। इतना ही नहीं आरोपितों के घर की महिलाओं ने उनके घर पर पहुंचकर हंगामा किया। स्थानीय लोगों ने बताया कि आरोपितों की हरकतों से सभी परेशान थे। ये लोग छोटी-छोटी बातों पर लड़ाई करने को तैयार रहते थे। गली के कई लड़कों से इनकी कई बार लड़ाई हो चुकी है। रिंकू की मां ने बताया कि आरोपित जय श्री राम के नारे से नफरत करते थे।