ताजनगरी में देह व्यापार का बड़ा रैकेट चलाने वाली सरगना महिला का नाम पुलिस ने पहले से सुन रखा था। मगर, अब एक और नाम पुलिस के सामने आया है। दिल्ली की एक महिला एस्कॉर्ट सर्विस के नाम से व्हाट्सएप ग्रुप चला रही है। इस ग्रुप से 200 एजेंट और युवतियां जुड़े हैं। एजेंट अपनी मांग के हिसाब से युवतियों को बुलाने के लिए ग्रुप पर जानकारी डालते हैं। इसके बाद नजदीकी जिले से युवतियों को एजेंट भेजते हैं। सरगना के पास कमीशन पहुंच जाता है। यह जानकारी पुलिस की पूछताछ में आरोपी भीमा ने बताई है।
आगरा के ताजगंज क्षेत्र में गुरुवार रात को होटल शुभ रिसॉर्ट पर थाना ताजगंज, थाना महिला, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की टीम ने छापा मारा था। पुलिस ने होटल से कॉल गर्ल का एजेंट धांधूपुरा निवासी भीमा उर्फ सुरेंद्र को गिरफ्तार किया। इस मामले में पुलिस ने भीमा और दो विदेशी युवतियों समेत चार को जेल भेजा है। इससे पूर्व आरोपियों से पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।
एसपी सिटी बोत्रे रोहन प्रमोद ने बताया कि भीमा से पूछताछ में पता चला है कि दिल्ली की महिला के व्हाट्सएप ग्रुप में दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र के एजेंट जुड़े हुए हैं। सरगना सिर्फ व्हाट्सएप कॉलिंग कुछ खास एजेंट से ही करती है। अगर, किसी एजेंट को युवती को बुलाना होता है तो व्हाट्सएप पर जानकारी साझा करता है। इसे सरगना देखती है। उसके ओके लिखने पर दूसरे नजदीकी एजेंट युवतियों को भेजने के लिए चैटिंग शुरू कर देते हैं। इस पर युवतियों के फोटो भी भेजे जाते हैं।
युवतियों को टैक्सी से एजेंट के पास भेज दिया जाता है। उनके पास एजेंट का नंबर होता है। एजेंट ही युवतियों को होटल तक पहुंचाता है। एक युवती कम से कम चार हजार रुपये एक घंटे के लेती हैं, जबकि पूरी रात के लिए 20 हजार रुपये तक में बुकिंग की जाती है। होटल का रातभर का किराया तकरीबन चार से पांच हजार रुपये तक होता है। दस प्रतिशत तक कमीशन एजेंट लेते हैं। ग्राहक से भी व्हाट्सएप पर फोटो भेजकर एजेंट ही सौदा करते थे। दिल्ली की सरगना महिला कहां रहती है, वह कौन है, यह कोई एजेंट नहीं जानता है। वह कभी किसी से नहीं मिली।
हर बुकिंग पर होटल मालिक को मिलती थी रकम
पुलिस की पूछताछ में भीमा ने बताया कि वह योगेश के साथ मिलकर राकेश अग्रवाल के होटल में काफी समय से युवतियों को बुला रहा था। इसके बदले में होटल मालिक को रकम देते हैं। राकेश अग्रवाल की सहमति मिलने पर ही कमरा लेते थे। मैनेजर सुंदरम अग्रवाल और संचालक चिराग अग्रवाल भी साथ देते थे। रुपयों को आपस में बांट लेते थे। दोनों ग्राहक लाने में भी मदद करते थे। राकेश अग्रवाल ने पुलिस की वजह से काम बंद करने के लिए कहा था। इस पर दो दिन पहले ही कई युवतियों को होटल से बाहर भेज दिया। एक दिन पहले ही उज्बेकिस्तान की दोनों युवतियों को बुलाया था।