रायपुर। छत्तीसगढ़ में बीते एक माह के भीतर स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना वायरस से प्रभावित एक्टिव मरीजों और मौतों का जो आंकड़ा पेश किया है, उसे देखकर खुशी होती है। लगातार गिरते आंकड़े, कम होती मरीजों की संख्या और मौतों में आती कमी, जाहिर है कि इससे आत्मविश्वास बढ़ेगा, लेकिन क्या सही मायने में यही हकीकत है..? यह एक ऐसा पेचिदा सवाल है, जिसका सही जवाब ना तो शासन-प्रशासन के पास है, ना ही स्वास्थ्य विभाग के पास है और ना ही जिला प्रशासन के पास है।
इस गंभीर विषय को लेकर ग्रेंड न्यूज ने राजधानी के अलावा प्रदेश के दूसरे जिलों के शासकीय और निजी चिकित्सकों से चर्चा की है, जिसके बाद जिन बातों को इन सुलझे हुए डाॅक्टरों ने सामने रखा है, वास्तव में उसकी जानकारी प्रदेश के मुखिया से लेकर एक आम इंसान को होना जरूरी है। यदि हम यह मान रहे हैं कि अब कोरोना की विदाई का वक्त नजदीक आ चुका है, तो यह सबसे बड़ी भूल है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण यूके यानी की ब्रिटेन में आया है, जहां पर कोरोना ने ही एक नया राक्षसी अवतार ले लिया है, जो पहले फेज से कहीं ज्यादा खतरनाक साबित हो रहा है।
कोविड-19 की चपेट में आकर बड़ी तादाद में लोगों की जान बच गई। इस सच्चाई से इंकार नहीं किया जा सकता, कि इस कोविड-19 की वजह से ही देश में लाखों तो प्रदेश में करीब 3500 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है, लेकिन यूके में जिस नए अवतार का सामना हो रहा है, उसमें केवल मौतें ही हो रही हैं।
बात देश और प्रदेश की जब करें तो छत्तीसगढ़ में बीते एक माह से ग्राफ लगातार गिरा है, इसके पीछे वजह आम लोगों में जागरूकता की कमी है। पहले सामान्य सर्दी, खांसी और बुखार होते ही लोग कोविड-19 टेस्ट के लिए भागे-दौड़े पहुंच रहे थे, जबकि अब ऐसा नहीं हो रहा है। प्रदेश के डाॅक्टर भी मानते हैं कि लोग जांच कराने में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं, जिसकी वजह से सही स्थिति का पता नहीं लग पा रहा है।
इस विषय को लेकर वरिष्ठ डाॅक्टर आर परघनिया जो एमडी मेडिसिन हैं, डाॅ. बघेल जो निजी प्रेक्टिशनर हैं, डाॅ. अग्निहोत्री, डाॅ. पाणिग्रही सहित नाम ना प्रकाशित करने की शर्त के साथ जानकारी देने वालों में शासकीय डाॅक्टर भी शामिल हैं। इसमें प्रदेश के सबसे अस्पताल मेकाहारा और एम्स के भी चिकित्सकों से भी चर्चा हुई, जिनका मानना है कि यदि अब भी लोग सही मायने में जांच के लिए आएं, तो 100 के अनुपात में 35 लोग पाॅजिटिव पाए जा सकते हैं।
सभी डाॅक्टरों की सलाह
ग्रेंड न्यूज ने जब इन डाॅक्टरों से चर्चा की और पूछा कि यदि लोग जांच के लिए नहीं आना चाहते हैं, तो ऐसे में कोरोना से आखिरकार कैसे प्रदेश को मुक्त किया जा सकता है, जिसके जवाब में डाॅक्टर्स का कहना है कि यदि जांच नहीं कराना चाहते हैं, तो कम से कम उन्हें अति आवश्यक बातों का ध्यान रखना जरुरी है, ताकि कोविड-19 से खुद सुरक्षित रहते हुए, दूसरों को सुरक्षित रखा जा सके और चेन को तोड़ने में सार्थक भूमिका का निर्वहन करें। इसमें निम्नलिखित बिन्दुओं की ओर ध्यान आकृष्ट कराया है –
1. घर से निकलने से पहले मास्क अनिवार्य तौर पर लगाएं।
2. जब तक बाहर हैं, मास्क को पूरे समय लगाए रखें।
3. सेनेटाइजर अपने साथ रखें और समय-समय पर लगाते रहें।
4. घर पहुंचते ही हाथ-पैर को पूरी तरह साबुन से धोएं।
5. कपड़ों को तत्काल साबुन पानी में डूबाकर रख दें।
6. बाहर निर्मित खान-पान से दूर रहें।
7. जरूरी होने पर लोगों से मिलें, लेकिन दूरियां बनाए रखें।
8. सर्दी-खांसी और बुखार होते ही डाॅक्टर से सलाह लें।
9. बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा का खास ख्याल रखें।
10. स्वच्छता का ध्यान रखते हुए नियमित दिनचर्या का पालन करें।