केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान लंबे समय आंदोलनरत हैं. वे सरकार से इन कानूनों को रद्द करवाने के लिए लगातार कह रहे हैं. इस बीच किसान संगठनों के गुरुवार को ‘‘रेल रोको’’ अभियान के मद्देनजर रेलवे ने पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल पर ध्यान केन्द्रित करने के साथ ही देशभर में रेलवे सुरक्षा विशेष बल (RPSF) की 20 अतिरिक्त कंपनियां तैनात की है. संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने कृषि कानूनों को निरस्त किये जाने की मांग को लेकर पिछले सप्ताह ‘‘रेल रोको’’ अभियान की घोषणा की थी.
रेलवे सुरक्षा बल के महानिदेशक, अरुण कुमार ने बुधवार को कहा, ‘मैं सभी से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं. हम जिला प्रशासनों के साथ संपर्क बनाए रखेंगे और नियंत्रण कक्ष बनाएंगे. हम खुफिया जानकारी इकट्ठा करेंगे. पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों और कुछ अन्य क्षेत्रों पर हमारा ध्यान केंद्रित रहेगा. हमने इन क्षेत्रों में रेलवे सुरक्षा विशेष बल (आरपीएसएफ) की 20 कंपनियों (लगभग 20,000 कर्मियों) को तैनात किया है.’
कुमार ने कहा, ‘हम उन्हें इस बात पर राजी करना चाहते हैं कि यात्रियों को कोई असुविधा नहीं हो और हम चाहते हैं कि यह (रेल रोको) अभियान शांतिपूर्ण ढंग से समाप्त हो जाए. एसकेएम ने कहा था कि देशभर में दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक रेलों की आवाजाही को अवरुद्ध किया जाएगा.’
किसान नेता राकेश टिकैत ने लगाया ये आरोप
भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने घोषणा की कि गुरुवार को देशभर में ‘रेल रोको’ आंदोलन करेंगे. विरोध प्रदर्शन दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक किया जाएगा. टिकैत ने कहा कि केंद्र पिछले आठ महीनों से कई ट्रेनों को संचालन की अनुमति नहीं दे रहा है, इस तथ्य के बावजूद कि लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है और कई अन्य प्रतिबंध हटा लिए गए हैं. उनके गांवों के लोग भी इस विरोध में हिस्सा लेंगे. ट्रेनों से यात्रा करने वाले बच्चों के लिए व्यवस्था की गई है.
इन कानूनों का किसान कर रहे हैं विरोध
दरअसल तीन नए अधिनियमित खेत कानूनों के खिलाफ किसान पिछले साल 26 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. किसान उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020, मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 किसान सशक्तिकरण और संरक्षण समझौता हेतु सरकार का विरोध कर रहे हैं.