किसान आंदोलन की आड़ में भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा वाले ग्रेटा थनबर्ग के टूलकिट मामले में आरोपी निकिता जैकब को बॉम्बे हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। दिल्ली पुलिस की ओर से दर्ज एफआईआर में निकिता पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई थी, मगर अब उस पर तीन सप्ताह तक की रोक लग गई है। टूलकिट मामले में आरोपी निकिता जैकब को बॉम्बे हाईकोर्ट ने ट्रांजिट अग्रिम जमानत दे दी है। दरअसल, ग्रेटा थनबर्ग के ट्विटर पर किसानों के प्रदर्शन से जुड़ी टूलकिट साझा करने के मामले में दिल्ली पुलिस की गिरफ्तारी की तलवार निकिता जैकब पर भी लटक रही थी, जिसे देखते हुए जैकब ने बंबई उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने जैकब को तीन सप्ताह के लिए ट्रांजिट अग्रिम जमानत दी है। हालांकि, जैकब ने चार सप्ताह के लिए ही ट्रांजिट अग्रिम जमानत की मांग की थी।इतना ही नहीं, बॉम्बे हाईकोर्ट ने यह भी कहा है कि अगर निकिता जैकब की गिरफ्तारी होती है, तो उन्हें 25 हजार के बॉन्ड पर राहत मिल सकती है।
दिल्ली पुलिस के अनुसार, निकिता जैकब पर दस्तावेज तैयार करने और खालिस्तान-समर्थक तत्वों के सीधे सम्पर्क में होने का आरोप है। जैकब ने सोमवार को बंबई उच्च न्यायालय के न्यायाधीश पीडी नाइक की एकल पीठ से याचिका पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया था। जैकब ने अपनी याचिका में कहा था कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि मामले में उनका नाम बतौर आरोपी या गवाह के तौर पर आया है।
कौन है निकिता जैकब?
निकिता जैकब पेशे से वकील हैं, जो कि दीवानी विवादों के लिए कोर्ट में लड़ती हैं। उसके ट्विटर हैंडल को फिलहाल लॉक कर दिया गया है, जिसके बायो में “एडवोकेट, बॉम्बे हाई कोर्ट” लिखा है। निकिता जैकब सामाजिक न्याय और पर्यावरण संरक्षण के मामलों को उठाने वाली कार्यकर्ता हैं। वह अपनी वेबसाइट पर अपने बारे में लिखती हैं कि वह सही-गलत के लिए खड़ा होना पसंद करती है लेकिन अनजाने में गलत करने वाली हो जाती है। उन्होंने यह भी लिखा है कि वह आसानी से प्रभावित हो सकती हैं।