रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पिछले एक-दो दिनों से प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में हो रही बारिश से उपार्जन केन्द्रों में रखे धान को भीगने से बचाने के लिए समुचित इंतजाम करने के निर्देश सभी जिला कलेक्टरों को दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि धान को व्यवस्थित तरीके से तालपत्री से ढक कर रखा जाए और उपार्जन केन्द्रों में पानी निकासी के लिए समुचित ड्रेनेज की व्यवस्था रहे ताकि निचले हिस्से का धान खराब न होने पाए। मुख्यमंत्री ने खाद्य विभाग के अधिकारियों को उपार्जन केन्दों से धान की कस्टम मिलिंग में तेजी लाने के निर्देश भी दिए है।
उल्लेखनीय है कि धान को सुरक्षित रखने के लिए इस वर्ष अभियान चलाकर धान उपार्जन केन्द्रों में 8 हजार चबूतरों का निर्माण कराया गया है। मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों को यह भी निर्देश दिए हैं कि बेमौसम बारिश से यदि कहीं कोई क्षति होती है तो उसका शीघ्र आंकलन कर प्रभावितों को राजस्व पुस्तक परिपत्र के प्रावधानों के तहत आर्थिक सहायता मुहैया कराई जाए।
फिर भी नहीं चेता प्रशासन
छत्तीसगढ़ में बेमौसम बारिश को लेकर पूर्वानुमान पहले ही आ चुका था। इसके साथ ही कुछ समय पहले प्रदेश में एक बार और बारिश हो चुकी है, जिसमें लाखों मीट्रिक टन धान बारिश की भेंट चढ़ चुका है, इसके बावजूद प्रशासन की लापरवाही देखने में आई है। यही वजह है कि असम दौरे में होने के बाद भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को निर्देश जारी करना पड़ रहा है, जबकि यह जिला प्रशासन के स्वविवेक का विषय है, ताकि राज्य को आर्थिक क्षति से बचाया जा सके, लेकिन यह कभी नहीं देखने में आता है और राज्य को हर साल अरबों का नुकसान उठाना पड़ता है।