राज्य में कोरोना महामारी को लेकर ’’ग्रेंड न्यूज’’ ने पहले ही इस बात की आशंका व्यक्त की थी, कि प्रदेश में हालात सही मायने में नियंत्रण में नहीं हैं। जिस सजगता की आवश्यकता है, वास्तव में उसका पालन किसी भी मायने में नहीं हो रहा है। प्रदेश में कल तक आए सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 3 हजार से ज्यादा लोग एक्टिव हैं, तो हर दिन औसतन 5 लोगों की मौतें कोरोना की वजह से हो रही है।
इस बीच प्रदेश में 15 फरवरी से स्कूलों को खोलने का आदेश जारी कर दिया गया है। भले ही इस आदेश में केवल 9 वीं से 12 वीं कक्षाओं के छा़त्र-छा़त्राओं को शामिल किया गया है, लेकिन महामारी का दुष्प्रभाव इन्हें भी अपने चपेट में लेगा, इस हकीकत से इंकार नहीं किया जा सकता। हुआ भी वहीं, जिसकी आशंका थी। संस्कारधानी के निजी स्कूल युगांतर में स्कूल खुलने के तीसरे ही दिन 2 बच्चों सहित स्कूल स्टाॅफ के 9 लोगों का पाॅजिटिव आना खौफजदा करने वाली तस्वीर है।
यह तो एक मात्र नमूने के तौर पर सामने आया है, जबकि प्रदेशभर में इस तरह के हालात बन सकते हैं। प्रदेश में कोरोना अब भले ही उस तरह से लोगों में लक्षण नहीं दिखा रहा है, जैसा कि शुरुआत से लेकर मध्य तक हुआ था। लेकिन हकीकत यह है कि बगैर लक्षण के भी लोग कोरोना महामारी की चपेट में आ रहे हैं और लोगों की मौत का क्रम थम नहीं पा रहा है।
सभी का कराया जाएगा टेस्ट
राजनांदगांव के युगांतर स्कूल में 2 बच्चों और 9 स्टाॅफ के कोरोना संक्रमित होने के बाद अब पूरे स्कूल के लोगों का टेस्ट लिए जाने का निर्णय लिया गया है। राजनांदगांव के सीएमएचओ मिथलेश चौधरी के मुताबिक कोरोना के लक्षण वालों को स्कूल नहीं आने की हिदायत दी गई है। वहीं यह भी कहा जा रहा है कि अब सभी स्कूलों में परीक्षण की व्यवस्था कराई जाएगी।