रायपुर। पिछले साल देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मुलाकात की थी। तब उन्होंने बिलासपुर में आर्मी छावनी स्थापित करने वादा किया था। राज्य सरकार ने बिलासपुर में इंडियन आर्मी की रेजिमेंटल एरिया तैयार करने के लिए 1 हजार एकड़ जमीन भी दे दी। एयरबेस के लिए रनवे तैयार हो चुका है। अब मुख्यमंत्री ने रक्षा मंत्री को उनका वादा याद दिलाने शनिवार को एक खत लिखा है। उन्होंने बिलासपुर में थल सेना छावनी की स्थापना करने का अनुरोध किया है।
यह लिखा है खत में
मुख्यमंत्री ने रक्षा मंत्री को जानकारी देते हुए लिखा है कि राज्य ने लगभग 1000 एकड़ भूमि रक्षा मंत्रालय को बिलासपुर में थल सेना छावनी की स्थापना के लिए आबंटित की हुई है। इस थल सेना छावनी की स्थापना की प्रक्रिया लंबित है। आरंभ में थल सेना छावनी की स्थापना के लिए इसके साथ हवाई पट्टी की आवश्यकताओं को बताया गया था।
राज्य सरकार ने इस इलाके की विमानन आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर काम किए। इस हवाई पट्टी का विस्तार कराकर आवश्यक प्रक्रियाएं पूरी कर ली है। बिलासाबाई केवटींन हवाईअड्डा अब डीजीसीए द्वारा 3सी वीएफआर कैटगरी में मान्यता प्राप्त है । अब ये हवाई पट्टी सिविल एविएशन एवं थल सेना की विमानन संबंधित आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये उपलब्ध है। एक मार्च से ये एयरपोर्ट शुरू हो जाएगा। राज्य सरकार बिलासपुर में थल सेना छावनी की स्थापना के लिए उत्सुक है।
एंटी नक्सल ऑपरेशन और आर्मी
खत में लिखी बातों से यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि अब नक्सलियों के खिलाफ आर्मी का इस्तेमाल हो सकता है। सीएम ने पत्र में लिखा है कि- राज्य में आर्मी छावनी की स्थापना से न केवल इस इलाके के समुचित विकास में गति आएगी बल्कि थल सेना सेवा के अवसर राज्य के युवाओं को सहजता से उपलब्ध भी होंगे। थल सेना छावनी की राज्य में उपस्थिति मूलतः नक्सलवादी उग्रवाद के उन्मूलन की दिशा में सहायक होने की भी आशा है। राज्य सरकार रक्षा मंत्रालय से इसकी स्थापना शीघ्रातिशीघ्र करने के लिए आग्रह करना चाहती है। इस दिशा में राज्य सरकार रक्षा मंत्रालय एवं थल सेना की अन्य संबंधित आवश्यकताओं पर भी विचार करने के लिए तैयार है। रक्षा मंत्रालय के साथ कार्य करने के लिए राज्य सरकार तत्पर हैं एवं मैं आपसे सहयोग की आशा करता हूँ।