Grand NewsGrand News
  • छत्तीसगढ़
  • मध्य प्रदेश
  • मनोरंजन
  • खेल
  • धर्म
  • वायरल वीडियो
  • विदेश
Search
© 2022 Foxiz News Network. Ruby Design Company. All Rights Reserved.
Reading: नीति आयोग गवर्निंग काउंसिल की बैठक में सीएम भूपेश ने दिए सुझाव, प्रदेश के लिए रखी ये मांग
Share
Notification Show More
Font ResizerAa
Font ResizerAa
Grand NewsGrand News
Search
  • छत्तीसगढ़
  • मध्य प्रदेश
  • मनोरंजन
  • खेल
  • धर्म
  • वायरल वीडियो
  • विदेश
Follow US
© 2022 Foxiz News Network. Ruby Design Company. All Rights Reserved.
Grand News

नीति आयोग गवर्निंग काउंसिल की बैठक में सीएम भूपेश ने दिए सुझाव, प्रदेश के लिए रखी ये मांग

GrandNews
Last updated: 2021/02/20 at 9:28 PM
GrandNews
Share
11 Min Read
SHARE

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की छठवीं बैठक में प्रदेश में उद्योगों, कृषि क्षेत्र के विकास, अधोसंरचना विकास, बस्तर अंचल में सिंचाई सुविधा बढ़ाने, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के विकास जैसे राज्य हित के अनेक विषयों पर राज्य सरकार की योजनाओं एवं नीतियों की जानकारी देते हुए छत्तीसगढ़ को अतिरिक्त आर्थिक संसाधन उपलब्ध कराने का आग्रह प्रधानमंत्री से किया। उन्होंने छत्तीसगढ़ के आकांक्षी जिलों द्वारा विकास के सभी मापदण्डों पर किए गए उत्कृष्ट प्रदर्शन का उल्लेख करते हुए सुझाव दिया कि आकांक्षी जिलों की अवधारणा में सांस्कृतिक उत्थान के बिन्दु को भी यथोचित महत्व एवं स्थान दिया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने वर्मी कम्पोस्ट खाद में भी रासायनिक उर्वरकों की भांति सबसिडी दिए जाने का सुझाव रखा। उन्होंने कहा कि नीति आयोग ने डेल्टा रैंकिंग के माध्यम से छत्तीसगढ़ के आकांक्षी जिलों में हुए नवाचारों की सराहना की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ वनाच्छादित, आदिवासी बहुल और खनिज धारित प्रदेश है यहां औद्योगिक विकास के लिए विशेष पैकेज की अपेक्षा है।

- Advertisement -

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में खनिज कोयले के वृहद भण्डार होने के बावजूद छत्तीसगढ़ कोल ब्लॉक से वंचित है। अतः छत्तीसगढ़ की सार्वजनिक उपक्रम इकाई के लिए कोल ब्लॉक आबंटित किया जाए। वर्ष 2014 के बाद खनिजों की रॉयल्टी दरों में वृद्धि नहीं होने के कारण राज्य शासन को अपूरणीय क्षति हो रही है। अतः शीघ्र रॉयल्टी दरों में संशोधन किया जाए। मुख्यमंत्री ने बैठक में बस्तर के नगरनार इस्पात संयंत्र का विनिवेश नहीं करने का भी आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा में इस संबंध में शासकीय संकल्प भी पारित किया गया है।

- Advertisement -
Ad image
- Advertisement -

कार्गाें हब और निर्यात के लिए पोर्ट की सुविधा की मंजूरी का आग्रह

- Advertisement -

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में उद्योगों के विकास और निर्यात का बढ़ावा देने के लिए रायपुर में कार्गाें हब स्थापित करने की मंजूरी देने और निर्यात के लिए पोर्ट की सुविधा उपलब्ध कराने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ लैण्डलॉक्ड राज्यों में शामिल है, इसलिए छत्तीसगढ़ को परिवहन लागत की सुगमता हेतु औद्योगिक गतिविधियों के लिए अंतरदेशीय परिवहन अनुदान दिया जाए, ताकि छत्तीसगढ़ से निर्यातक एवं कृषि आधारित उद्योगों के विकास को गति मिल सके। बघेल ने बैठक में बताया कि राज्य सरकार द्वारा कोदो-कुटकी को समर्थन मूल्य पर खरीदने का निर्णय लिया गया है। कोदो-कुटकी की विदेशों में भी बड़ी मांग है। इनके निर्यात की सुविधा उपलब्ध होने से इसका फायदा प्रदेश के आदिवासी किसानों को होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ इज आफ डूईंग बिजनेस के मापदण्डों में देश के अग्रणी छह राज्यों में शामिल है।
राज्य सरकार की नई औद्योगिक नीति में खनिज संसाधनों एवं कृषि तथा वनोपजों में वेल्यूएडिशन को बढ़ावा दिया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में लाख उत्पादन और मछली पालन को खेती का दर्जा दिया गया है। इस्पात उद्योग को कोरोना काल में रियायती दर पर बिजली उपलब्ध कराई गई। जिससे छत्तीसगढ़ इस्पात उत्पादन में अग्रणी रहा। उन्होंने बताया कि पिछले दो वर्षाें में 56 हजार करोड़ रूपए के पूंजी निवेश के लिए 154 एमओयू किए गए।

- Advertisement -

अतिशेष धान से एथेनॉल उत्पादन की अनुमति देने की मांग

मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि राज्य को अतिशेष धान से एथेनॉल उत्पादन की अनुमति दी जाए। इससे देश की विदेशी मुद्रा में बचत होगी, किसानों को उनकी उपज का अच्छा दाम मिलेगा और रोजगार के अवसर बढेंगे। उन्होंने कहा कि चावल के स्थान पर धान से एथेनॉल की अनुमति मिलने पर परिवहन और मिलिंग पर होने वाला खर्च बचेगा। उन्होंने यह भी कहा कि पहली बार केन्द्र सरकार द्वारा एथेनॉल की दर 54.89 रूपए प्रति लीटर तय की गई है जिसे और अधिक बढ़ाया जाना चाहिए। प्रदेश में गन्ने से एथेनॉल उत्पादन के लिए एमओयू हो चुका है।

मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय पूल में छत्तीसगढ़ से 60 लाख मीट्रिक टन चावल लेने का किया आग्रह

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि इस वर्ष छत्तीसगढ़ में 20 लाख 58 हजार किसानों से 92 लाख मीट्रिक टन धान की समर्थन मूल्य पर खरीदी की गई है। किसानों को इसके लिए 17 हजार 322 करोड़ रूपए की राशि का भुगतान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केन्द्र द्वारा पूर्व में केन्द्रीय पूल में छत्तीसगढ़ से 60 लाख मीट्रिक टन चावल लेने की घोषणा की गई थी। लेकिन इसमें 16 लाख टन की कटौती कर दी गई। एफसीआई ने चावल देने की अनुमति अक्टूबर, नवम्बर में ही मिल जाती थी। इस सीजन में जनवरी माह में 24 लाख मीट्रिक टन की अनुमति ही मिल पाई। मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय पूल में शेष 16 लाख मीट्रिक टन चावल लेने का अनुरोध किया है।

बोधघाट बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना के लिए मांगा केन्द्र से सहयोग

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि इंद्रावती बस्तर अंचल की जीवनदायनी नदी है, लेकिन उस पर एक भी बांध नहीं होने से बस्तर अंचल के अनेक जिलों में सिंचाई का प्रतिशत शून्य से सात प्रतिशत तक है। राज्य सरकार द्वारा इंद्रावती पर बोधघाट बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना प्रस्तावित की गई है, इससे बस्तर अंचल में सिंचाई सुविधा का विस्तार होगा। मुख्यमंत्री ने इसके लिए भी प्रधानमंत्री से सहायता देने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने बताया कि नरवा योजना के अंतर्गत पिछले दो सालों में 5 हजार नालों की रिचार्जिंग का काम प्रारंभ किया गया है। अब तक 2500 नालों में 80 लाख इस्ट्रक्चर बनाए गए हैं।

वर्मी कम्पोस्ट उत्पादों को भी रासायनिक उर्वरकों की भांति मिले सबसिडी का लाभ

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के वर्मी कम्पोस्ट उत्पादक किसानों को रासायनिक उर्वरकों की भांति मिलने वाली सबसिडी देने का आग्रह प्रधानमंत्री से किया। उन्होंने बताया कि प्रदेश में गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गोबर से वर्मी कम्पोस्ट महिला स्व सहायता समूहों द्वारा तैयार की जा रही है। प्रदेश में दस हजार गौठान स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें 60 हजार वर्मी टांके बनाए गए हैं। इनसे निकट भविष्य में 9 लाख क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन संभावित है। छत्तीसगढ़ वर्मी कम्पोस्ट के उपयोग को बढ़ावा देकर जैविक खेती की ओर बढ़ रहा है।

नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अधोसंरचना विकास के कार्याें हेतु शर्ताें को शिथिल किया जाए

मुख्यमंत्री ने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आरपीएलडब्ल्यूई योजना के फेस तीन में सडक और पुलिया के निर्माण हेतु 392 करोड़ रूपए के कार्याें की सैद्धांतिक स्वीकृति दी गई है। परंतु ग्रामीण विकास मंत्रालय ने यह शर्त लगाई है कि पूर्व के 50 प्रतिशत स्वीकृत कार्याें के पूर्ण होने पर ही इनकी स्वीकृति दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने इस शर्ताें का शिथिल करने का आग्रह करते हुए कहा कि नक्सली क्षेत्रों में सुरक्षागत कारणों से कार्य करना काफी कठिन होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 44 प्रतिशत वन है। इस वजह से वनांचलों के कुछ गांवों में बिजली पहुंचाने में दिक्क्त आती है। वन अधिनियम में छूट देकर इन क्षेत्रों में सिंचाई के लिए सोलर पैनल स्थापित करने की अनुमति दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सिंचाई की सुविधा बढ़ने से लोग बन्दूक छोड़कर हल पकडं़ेगे और खेती की ओर बढ़ेंगे। इससे नक्सल गतिविधियां कम होंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ट्रांसफार्मेशन ऑफ एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम के मॉनीटरिंग इंडीकेटर में स्थानीय बोली में शिक्षा, मलेरिया व एनीमिया में कमी, वनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीदी, लोक-कला, लोक-नृत्य तथा पुरातत्व का संरक्षण-संवर्धन, जैविक खेती, वनाधिकार पट्टे आदि को शामिल किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने डिजिटल अधोसंरचना के विकास के संबंध में बताया कि भारतनेट परियोजना के द्वितीय चरण में 85 विकासखण्डों में से 75 विकासखण्डों में कार्य प्रगति पर है। इन पंचायतों में सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा गया है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बैठक में प्रधानमंत्री से जीएसटी क्षतिपूर्ति, कोयले पर एडिशनल लेवी की राशि, पीडीएस के अंतर्गत प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में चावल की शेष राशि समेत राज्य के हक की कुल 13 हजार 440 करोड़ रूपए की राशि जल्द से जल्द उपलब्ध कराने और राज्य को मिलने वाली एक्साइज ड्यूटी की राशि पूर्ववत रखे जाने की मांग की। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2020-21 में राज्य को जीएसटी क्षतिपूर्ति मद में केन्द्र सरकार से 3700 करोड़ रूपए की राशि प्राप्त होना शेष है। इसी तरह वर्ष 2014 के पूर्व प्रदेश मे संचालित निजी कोयला खदानों से कोयले पर ली गई 4140 करोड़ रूपए की एडिशनल लेवी राशि प्राप्त होनी है। इसके अलावा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में चावल की 5600 करोड़ रूपए की राशि अभी तक प्राप्त नहीं हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2020-21 के केन्द्रीय बजट में कृषि अधोसंरचना विकास सेस अरोपित करने से राज्य को आगामी वित्तीय वर्ष में 900 से एक हजार करोड़ रूपए तक की अतिरिक्त क्षति होना संभावित है। उन्होंने कहा कि कृषि अधोसंरचना विकास कोष की स्थापना का निर्णय तो स्वागत योग्य है, लेकिन राज्य को एक्साइज ड्यूटी के रूप में मिलने वाली राशि में कमी से राज्य को अभूतपूर्व वित्तीय क्षति का सामना करना पड़ेगा। अतः एक्साइज ड्यूटी के रूप में मिलने वाली राशि पूर्ववत रखे जाने का अनुरोध है।

बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, वाणिज्यिक कर विभाग के प्रमुख सचिव गौरव द्विवेदी और मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, उप सचिव सु सौम्या चौरसिया उपस्थित थीं।

 

XCheck Digital Badge

Share This Article
Facebook Twitter Whatsapp Whatsapp Copy Link Print
Previous Article मंहगाई को लेकर राहुल गांधी ने कसा मोदी सरकार पर तंज
Next Article हीरा तस्करी पर पुलिस की बड़ी कार्यवाही..87 नग हीरे के साथ तस्कर गिरफ्तार, कीमत 11,31,000
Leave a comment

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest News

CG Breaking : गौशाला में लगी भीषण आग, देखें वीडियो
Breaking News छत्तीसगढ़ रायपुर May 22, 2025
CG Breaking : रायपुर सहित 8 सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों को मिला राष्ट्रीय गुणवत्ता प्रमाण, CM साय और स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने दी बधाई
Breaking News छत्तीसगढ़ May 22, 2025
IPL 2025 GT vs LSG Live : लखनऊ ने गुजरात को दिया 236 रनों का लक्ष्य, मिचेल मार्श ने जड़ दिया शतक
Cricket खेल May 22, 2025
CG News : विकास और खुशहाली का दूसरा नाम है भाजपा सरकार, समाधान शिविर में सांसद बृजमोहन ने अवैध शराब बिक्री पर कार्यवाही के दिए निर्देश
छत्तीसगढ़ May 22, 2025
Follow US
© 2024 Grand News. All Rights Reserved. Owner - Rinku Kahar. Ph : 62672-64677.
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?