बेमेतरा/बेरला :- जीवनदायिनी शिवनाथ नदी के सहायक खारुन नदी के तट पर इन दिनों सैकड़ो गधों का विचरण करना राहगीरों व रहवासी लोगो को खूब लुभा रहा है।क्योंकि उल्लेखनीय है कि वर्तमान में पशुओं में गधों की तादाद बहुत दुर्लभ हो गयी है।कही कही एकाक जगहों पर ही गधे दिखाई पड़ते है।जबकि यह बहुउपयोगी पशुओ में इनकी गिनती है।बावजूद इसकी आबादी दिन प्रतिदिन घट रही है।इसी दरमियान ज़िले के बेरला विकासखण्ड के अंतिम छोर पर स्थित कंडरका गांव में कई सौ की तादाद में अनेकों दुर्लभ गधे निकटवर्ती खारुन नदी के तट पर मैदानी घांस खाती दिखाई पड़ती है।जिसे राजधानी रायपुर से बेमेतरा आवाजाही करने वाले लोग आनन्द भी लेते है।इस सम्बंध में गांव के एक ग्रामीण में बताया कि कन्डरका क्षेत्र में लाल ईट के दर्जनभर भट्ठे संचालित है।जहाँ पर कार्यरत मज़दूर अपनी जरूरत हेतु इसका पालन करते है।इसलिए यहां सैकड़ो की तादाद में दुर्लभ पशु का मिलना आम बात है।