नयी दिल्ली। पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव और कृषि कानूनों पर जारी घमासान के बीच भारतीय जनता पार्टी की आज एक अहम बैठक होने वाली है। भाजपा के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की आज यानी रविवार को होने वाली बैठक में किसान आंदोलन, आगामी पांच विधानसभाओं के चुनाव के साथ अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव पर भी केंद्रीय नेतृत्व की खास नजर रहेगी। साथ ही जिन राज्यों में पार्टी को अपेक्षित चुनावी सफलता नहीं मिल पा रही है, उन पर भी विचार विमर्श किया जाएगा। किसान आंदोलन के जारी रहने का असर भी बैठक पर रहेगा और हर राज्य की तरफ से अपने यहां की अद्यतन जानकारी दी जाएगी।
इसके पहले शनिवार को भाजपा के विभिन्न राज्यों के संगठन मंत्रियों ने केंद्रीय नेतृत्व के साथ बैठक कर अपने-अपने राज्यों की संगठनात्मक और राजनीतिक गतिविधियों का ब्यौरा दिया। हालांकि, अधिकांश समय संगठनात्मक कार्यों एवं अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई, लेकिन चुनाव वाले राज्यों ने अपने यहां की राजनीतिक स्थिति की रिपोर्ट भी रखी। इस बैठक के बाद महासचिवों के साथ पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मंथन किया। इन बैठकों में रविवार की बैठक के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है, ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में हर राज्य से सारे राजनीतिक और संगठनात्मक गतिविधियों के की जानकारी रखी जा सके।
मोदी-शाह भी रहेंगे मजूद
बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह समेत प्रमुख केंद्रीय नेता भी मौजूद रहेंगे। कई बार प्रधानमंत्री खुद भी सवाल पूछते हैं, इसलिए सभी राज्यों के संगठन मंत्रियों ने अपनी रिपोर्ट को चाक-चौबंद कर लिया है। रविवार की बैठक में प्रदेश अध्यक्ष द्वारा अपने-अपने राज्यों की जानकारी देंगे और उसमें चुनाव वाले राज्यों पर खास जोर रहेगा। सूत्रों के अनुसार बैठक में अगले एक साल के अंदर आने वाले चुनाव को लेकर भी चर्चा की जाएगी। अगले साल की शुरुआत में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब के विधानसभा चुनाव होने है।
किसान आंदोलन पर फीडबैक लेंगे
बैठक में किसान आंदोलन को लेकर विभिन्न राज्यों की स्थिति और वहां के फीडबैक को भी लिया जाएगा। खासकर दिल्ली के आसपास के राज्यों उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब व राजस्थान की रिपोर्ट इस मामले में महत्वपूर्ण होगी। इसके अलावा मध्य प्रदेश व महाराष्ट्र से भी किसान आंदोलन को लेकर जानकारी ली जाएगी। जिस तरह से किसान आंदोलनकारी ऐसे लंबा खींच रहे हैं उससे पार्टी सभी राज्यों को लेकर सतर्क है। उसकी कोशिश है कि किसानों तक सरकार की बात पूरी तरह पहुंचे।