महंगे पेट्रोल-डीजल की काट क्या गाय के गोबर में छिपी है? राष्ट्रीय गौ आयोग के मुताबिक तो इसका जवाब ‘हां’ में है। ईंधन की बढ़ती कीमतों के बीच राष्ट्रीय गौ आयोग ने लोगों को गाय के गोबर से बनी नैचुरल गैस (सीएनजी) का इस्तेमाल करने की नसीहत दी है ताकि लोगों को ‘सस्ता और मेड इन इंडिया फ्यूल’ मिले। आयोग ने यह सलाह उस डॉक्युमेंट में दी है जिसे नेशनल ‘काउ साइंस एग्जाम’ में पेश होने जा रहे विद्यार्थियों के लिए वेबसाइट पर अपलोड किया गया है। यह परीक्षा 25 फरवरी को होने जा रही है।
राष्ट्रीय कामधेनु आयोग या आरकेए (राष्ट्रीय गौ आयोग) ने वाहनों के लिए गाय गोबर सीएनजी पंप, सांड वीर्य बैंक और गौ पर्यटन जैसे सुझाव दिए हैं ताकि ‘गाय उद्यमिता’ को बढ़ावा मिले। आरकेए ने वेबसाइट पर कहा है, ”आरकेए के कई वेबनायर में गाय उद्यमिता के विचार पर चर्चा की गई है। दुनियाभर के कई उद्यमी सदियों पुरानी बुद्धिमता का नई टेक्नॉलजी के साथ इस्तेमाल करके सदाबहार संभावनाओं की तलाश कर रहे हैं।”
डॉक्युमेंट में कहा गया है, ”ईंधन के रूप में बायोगैस का इस्तेमाल लंबे समय से होता रहा है। इन्हें सिलेंडर में भरा जाता है और कुकिंग के लिए इस्तेमाल होता है। गाय के गोबर से मिली ऊर्जा का इस्तेमाल परिवहन के लिए भी हो सकता है। बड़े पैमाने पर उसके उत्पादन से कोई सीएनजी पंप भी लगा सकता है। इससे परिवहन इंडस्ट्री को सस्ता और आसानी से उपलब्ध मेड इन इंडिया ऊर्जा की उपलब्धता होगी।”
गौरतलब है कि देश में पेट्रोल और डीजल की कीमत रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुकी है। देश के कई हिस्सों में तो पेट्रोल की कीमत 100 रुपए प्रति लीटर के पार जा चुकी है। दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल के लिए ग्राहकों को 89.29 रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं तो डीजल की कीमत 79.70 रुपए लीटर है। राजस्थान और मध्य प्रदेश में पेट्रोल 100 रुपए लीटर है।
केंद्र सरकार के पशुपालन विभाग के तहत काम करने वाले आयोग ने दावा किया है कि गाय का गोबर बहुत अधिक मुनाफा देता है और आकर्षक कारोबारी संभावनाएं उपलब्ध कराता है। आयोग ने सांडों के लिए वीर्य बैंक की भी सलाह देते हुए कहा कि इसका कारोबार बेहद आकर्षक है।