पुडुचेरी। पूरे देश की नजर आज पुडुचेरी पर रही, यहां विधानसभा में कांग्रेस-द्रमुक गठबंधन से चल रही वी. नारायणसामी सरकार का शक्ति परीक्षण हुआ। ताजा खबर यह है कि नारायणसामी बहुमत साबित नहीं कर पाएं हैं। इस तरह चुनाव से ऐन पहले यहां राष्ट्रपति शासन लगने का खतरा पैदा हो गया है। यहां इस साल मई में चुनाव होने हैं। शक्ति परीक्षण से ठीक पर एक बार फिर नारायणसामी को एक और झटका लगा था। उनके दो विकायकों ने रविवार को इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफा देने वाले विधायकों के नाम हैं कांग्रेस के के. लक्ष्मीनारायणन और द्रमुक के वेंकटेशन। अब तक कांग्रेस के कुल चार विधायक इस्तीफा दे चुके थे। इसके साथ ही विधानसभा में सत्तारूढ़ गठबंधन समर्थक विधायकों की संख्या घटकर 11 हो गई थी, जबकि विपक्ष के पास 14 विधायक हैं। बता दें, पुडुचेरी विधानसभा में कुल 33 सीटे हैं, जिनमें से 7 खाली हो गई थी। तेलंगाना की राज्यपाल तमिलसाई सौंदरराजन ने गुरुवार को पुडुचेरी के उपराज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार संभालने के बाद नारायणसामी को 22 फरवरी को सदन में बहुमत साबित करने का निर्देश दिया था।
अब तक इस्तीफा देने वाले विधायक
- ए. नमस्सिवम (अब भाजपा में)
- एम. कृष्णाराव
- ए. जॉन कुमार
- के. लक्ष्मीनारायणन
- के. वेंकटेशन
- एक विधायक अयोग्य करार
नारायणसामी ने विधायकों के साथ की बैठक:
मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी ने आगे की रणनीति बनाने के लिए कांग्रेस और द्रमुक के विधायकों, सांसदों और अन्य नेताओं के साथ बैठक की। उन्होंने बताया कि सोमवार को विधानसभा में अपनाई जाने वाली रणनीति पर चर्चा की गई और हमने उसे सदन में ही सामने लाने का फैसला किया है।
विधानसभा में दलीय स्थिति
- कुल सीटें : 33
- प्रभावी संख्या : 26
- बहुमत का आंकड़ा : 14
- कांग्रेस : 09 (स्पीकर समेत)
- द्रमुक :02
- एआइएनआरसी : 07
- अन्नाद्रमुक : 04
- भाजपा : 03 (सभी मनोनीत लेकिन वोट डालने का अधिकार)
- निर्दलीय : 01
- रिक्त : 07