मुंबई। विलेपार्ले इलाके में स्थित एक फाइव स्टार होटल में ठहरे 2 लोगों से 12 करोड़ रुपए की ठगी का मामला सामने आया है. दर्ज की गई शिकायत के मुताबिक नकली पुलिस बनकर आए लुटेरों ने होटल में छापेमारी की और पीड़ित के 12 करोड़ रुपए लेकर फरार हो गए।
पुलिस ने इस मामले में 8 लोगों को गिरफ्तार किया है. क्या यह नकली पुलिस बनकर लूट हुई या नकली पुलिस की कहानी रचकर ठगी हुई इन सभी पहलुओं की जांच हो रही है. मुंबई पुलिस में दर्ज शिकायत से मिली जानकारी के मुताबिक 17 फरवरी की शाम 2 लोग जो मुंबई के बाहर से मुंबई के बावा होटल में आकर रुके हुये थे उनके पास 12 करोड़ कैश एक बैग मैं रखा हुआ था. ये पैसे वो किसी को देने ले आए थे. लेकिन इन दो लोगों के पास शाम करीब 7 बजे कुछ अज्ञात लोग बावा होटल जो एयरपोर्ट के पास है आए और इन दोनों को पुलिस वाला बताकर इनकी तहकीकात करने लगे. इसके बाद इनके पास मौजूद रुपयों को जबरन छीन कर होटल रूम से बाहर चले गए।
घटना के दो दिन बाद शिकायत दर्ज कारायी गई
इन पैसो की शिकायत कर्ताओं के पास रसीद और आईटी विभाग की जानकारी थी या नहीं यह बात अभी सामने नहीं आई है. इस केस में चौंकाने वाली बात ये है की घटना 17 फरवरी को हुई है जबकि शिकायकर्ता आनंद इंगले जो की पेशे से एक लेबर कोंट्रेक्टर हैं उन्होंने शिकायत 19 फरवरी को दर्ज कारवाई है. चौंकाने वाली बात ये है कि जब घटना विलेपार्ले पुलिस थाने की है तो एफआईआर की पहली जानकारी वकोला पुलिस थाने में क्यूं गई? जो घटनास्थल से करीब 6 किमी है।
शिकायत कर्ता लेबर कोंट्रेक्टर है जिसने पहली शिकायत और एफआईआर वाकोला पुलिस थाने में कराई. जहां से बाद में केस विलेपार्ले पुलिस ठाणे में ट्रान्सफर करवा गया. 12 करोड़ लूट की घटना जिस बावा इंटेरनेशनल होटल में हुई है वो विलेपार्ले पुलिस थाने के अंतर्गत आता है।
रैकेट कैसे काम कर रहा था इस बात का खुलासा अभी नहीं किया गया है
मुंबई पुलिस के प्रवक्ता एस.चैतन्य के मुताबिक, ‘मुंबई पुलिस ने इस मामले में 8 लोगों को गिरफ्तार किया है. IPC 392, 170, 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है. ‘हालांकि यह 8 लोग कौन हैं और यह रैकेट किस तरह काम कर रहा था इसका खुलासा अभी मुंबई पुलिस ने नहीं किया है. सवाल ये भी की वो 2 लोग कहा है जो 12 करोड़ रुपये लेकर मुंबई में आए और होटल में रुके. इतनी बड़ी रकम वो किस लिए और कहा से लेकर आए थे इसका कोई जिक्र एफआईआर में नहीं है।