रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने मंगलावार को बताया कि मंत्रालय ने मिलिट्री को 13,700 करोड़ रुपये के घरेलू खरीद की मंजूरी दे दी है, जिसमें सेना को 118 अर्जुन MK-1A टैंक और आधुनिक सुरक्षा वाले लड़ाकू वाहनों से लैस करने की तैयारी है।
मामले पर नजर बनाए हुए आधिकारियों ने कहा कि इन नए टैंकों की कीमत 8,380 करोड़ रुपये के आस-पास होगी, जबकि 3,000 से अधिक एएफवी (टैंक और पैदल सेना का मुकाबला करने वाले वाहनों) के लिए 5,300 करोड़ रुपये की जरुरत होगी।
हिदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, इस साल ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड (ओएफबी) के साथ टैंकों के लिए ऑर्डर दिया जा सकता है, जिसमें अनुबंध पर हस्ताक्षर के 30 महीनों के भीतर पांच टैंकों को डिलीवर किया जाएगा। इसके बाद हर साल 30 टैंक डिलीवर किए जाएंगे।
रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC), भारत की सर्वोच्च खरीद संस्था ने मंगलवार को सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान को आगे बढ़ाते हुए टैंकों और AFV सुरक्षा प्रणालियों को खरीदने के लिए अपनी स्वीकृति (AoN) की आवश्यकता को स्वीकार किया। डीएसी की इस बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की।
बिना यह कहे कि प्रस्तावों को मंजूरी दे दी गई है, मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “13,700 करोड़ रुपये की कुल लागत के लिए तीन AoN समझौते किए गए। ये सभी एओएन रक्षा अधिग्रहण की सर्वोच्च प्राथमिकता वाली श्रेणी में हैं। ये स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित किए जाएंगे।”
अर्जुन MK-1A वर्तमान में सेना की सेवा में अर्जुन MK-1 का अपग्रेडेड संस्करण है। एक अधिकारी ने इसके बारे में बताते हुए कहा कि नया टैंक 14 प्रमुख सुधारों सहित मौजूदा संस्करण के 71 अपग्रेड के साथ आएगा, उन्होंने कहा कि नए अपग्रेड से टैंक की सुस्ती, गतिशीलता और उत्तरजीविता में सुधार होता है।
नए टैंक में सुधार से बेहतर मारक क्षमता, ऑटो टारगेट ट्रैकर, रिमोट-नियंत्रित हथियार प्रणाली, विस्फोटक प्रतिक्रियाशील कवच, एडवांस लेजर वार्निंग और प्रतिसाद प्रणाली, कंटेनरीकृत गोला बारूद, एडवांस लैंड नेविगेशन सिस्टम और बेहतर नाइट विजन क्षमताएं शामिल हैं।
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के चेन्नई स्थित लड़ाकू वाहन अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान (CVRDE) ने टैंक को डिजाइन और विकसित किया है। वहीं, इन टैंकों का निर्माण चेन्नई के बाहर अवाडी में ओएफबी के हेवी व्हीकल फैक्ट्री में किया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 फरवरी को चेन्नई में सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवाने को अर्जुन MK -1A टैंक का एक प्रोटोटाइप सौंप दिया था, साथ ही यह संकेत दे दिया था कि 118 टैंकों का ऑर्डर पाइपलाइन में है। प्रोटोटाइप का परीक्षण देश के पश्चिमी क्षेत्र में 6,000 किमी से अधिक के लिए किया गया था।
एक दूसरे अधिकारी ने कहा कि इस परियोजना में 200 से अधिक कंपनियां शामिल होंगी, जिससे लगभग 8,000 नौकरियां भी पैदा होंगी। सेना के मौजूदा टैंक बेड़े में T-90, T-72 और अर्जुन MK-1 टैंक हैं।