रायपुर। भूपेश सरकार के वन, आवास एवं पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर से आज सदन में झीरम घाटी का मसला उठाया। उनके निशाने पर पूर्ववर्ती भाजपा सरकार थी, जिनसे शासनकाल में 25 मई, 2013 को कांग्रेस नेताओं का नक्सलियों ने नरसंहार किया था। इस घटना को 7 बरस बीत चुके हैं, तो आठवीं बरसी आने वाली है, लेकिन कांग्रेस नेताओं की निर्मम हत्या का पूरा खुलासा आज भी नहीं हो पाया है, जबकि प्रकरण की जांच एनआईए कर रही है।
इस विषय पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि उनकी सरकार ने एसआईटी का गठन कर दिया है। केस डायरी अब भी एनआईए के पास है, जिसे वे एसआईटी को नहीं सौंपना चाहते हैं। इसके पीछे वजह क्या हो सकती है, सशंकित करने वाला प्रश्न है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरा केस एसआईटी को सौंपा जाए, इसके लिए वे केंद्रीय गृहमंत्री से चर्चा करेंगे, ताकि यह प्रकरण पूरी तरह से स्पष्ट हो सके और नरसंहार में शामिल माओवादियों के अलावा और किनके हाथ थे, यह भी स्पष्ट हो सके।