नई दिल्ली। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) के खिलाफ चलाये जा रहे टीकाकरण अभियान के दूसरे चरण में 60 वर्ष से अधिक और 45 वर्ष (अन्य बीमारियों से पीड़ति) से अधिक आयु के लोगों को निजी कोरोना टीकाकरण केंद्र में 250 रुपए में पहला टीका लगाया जायेगा। सरकारी केंद्रों पर यह टीका हालांकि निशुल्क ही लगेगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने इस संबंध में आज वीडियो कॉन्फ्रेंस (वीसी) के माध्यम से टीकाकरण पर राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के स्वास्थ्य सचिवों और अन्य अधिकारियों के साथ बातचीत की। उन्होंने कहा कि कोरोना टीकाकरण की शुरुआत 16 जनवरी को की गई थी तथा अब एक मार्च से दूसरे चरण के टीकाकरण की शुरुआत हो रही है जिसमें निजी अस्पतालों को भी महत्वपूर्ण भूमिका दी गई है।
भारत सरकार राज्यों/ संघ शासित क्षेत्रों के साथ मिलकर एक क्रमिक, पूर्व-निर्धारित और सक्रिय द्दष्टिकोण को अपनाते हुए कोविड-19 की रोकथाम, नियंत्रण और प्रबंधन की दिशा में कई प्रकार के कदम उठा रही है। इनकी उच्चतम स्तर पर नियमित रूप से समीक्षा और निगरानी की जा रही है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन की अध्यक्षता में हुई मंत्रियों के समूह (जीओएम) की 14वीं बैठक हुई, जिसमें कोविड-19 की रोकथाम और प्रबंधन तथा केंद्र व विभिन्न राज्यों द्वारा उठाए गए कदमों पर व्यापक विचार-विमर्श किया गया। जीओएम ने आवश्यकता की तुलना में पीपीई, मास्क, वेंटिलेटर, दवाओं और अन्य आवश्यक उपकरणों की पर्याप्तता और उपलब्धता की समीक्षा की। जीओएम के सामने आरोग्य सेतु ऐप के प्रदर्शन, प्रभाव और प्रभाव पर भी प्रस्तुतीकरण दिया गया।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने गैर कोविड अस्पतालों और कोविड ब्लॉक वाले अस्पतालों में गैर कोविड उपचार क्षेत्रों में स्वास्थ्य देखभाल करने वाले कर्मचारियों और अन्य के लिए पीपीई के तकर्संगत उपयोग से संबंधित अतिरिक्त दिशानिर्देश जारी किए हैं। यह पीपीई के तकर्संगत उपयोग पर 24 मार्च, 2020 को जारी दिशानिर्देशों के अनुरूप हैं।
अस्पताल के ओपीडी, चिकित्सकों के चैम्बर, एनिस्थीसिया पूर्व जांच क्लीनिक, आईपीडी-वाडर्/ आईसीयू, लेबर रूम, ऑपरेशन थिएटर आदि विभिन्न क्षेत्रों के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों (पीपीई) के विभिन्न स्तरों का सुझाव दिया गया है। विस्तृत दिशानिर्देश पर उपलब्ध हैं।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय गैर आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं की डिलिवरी के लिए 14 अप्रैल, 2020 को दिशानिर्देश जारी किए गए थे। इन दिशानिर्देशों के माध्यम से राज्यों/ संघ शासित क्षेत्रों में यह सुनिश्चित करना है कि विभिन्न क्षेत्रों में दी गई छूट के तहत सरकारी और निजी गैर कोविड केन्द्रों में टीकाकरण, मातृ-बाल स्वास्थ्य सेवाएं, डायलिसिस, कैंसर, मधुमेह, टीबी और रक्त दान सेवाओं जैसी गंभीर मरीजों के लिए जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
अभी तक कुल 12,726 लोगों का उपचार किया जा चुका है। इससे हमारी कुल सुधार दर 27.41 प्रतिशत के स्तर तक पहुंच गई है। देश में कुल पुष्ट मामलों की संख्या 46,433 के स्तर पर पहुंच गई है। कल तक भारत में कोविड-19 के पुष्ट मामलों की संख्या में 3,900 की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। अभी तक कुल 1,568 लोगों की मृत्यु हो चुकी है, जिसमें से 195 की मृत्यु कल ही हुई है।
पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा पुष्ट मामले सामने आने और सबसे ज्यादा लोगों की मृत्यु के साथ राज्यों/ संघ शासित क्षेत्रों को प्रभावी रूप से संपकर् निगरानी, सक्रिय मामलों की खोज और मामलों के चिकित्सकीय प्रबंधन की सलाह दी गई है।