बिलाससपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने प्रदेश और ओडिशा के मुख्य सचिव व डीजीपी सहित अन्य अफसरों को अवमानना नोटिस जारी किया है। आरोप है कि दोनों राज्यों के मुख्य अफसरों ने अपहरण मामले में कोर्ट के आदेश के बावजूद न तो जांच की और न ही रिपोर्ट पेश की। याचिकाकर्ता दोनों युवक जगदलपुर घूमने आए थे। आरोप है कि पुलिस ने उन्हें अगवा कर लिया और फिर विस्फोटक सामग्री की बरामदगी दिखाकर गिरफ्तारी कर ली। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस पीआर रामचंद्र मेनन व जस्टिस पीपी साहू की युगल खंडपीठ में हुई।
ओडिशा के कोरापुट निवासी निरंजन दास और दुरजोति मोहनकुड़ो ने अधिवक्ता रजत अग्रवाल के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इसमें उन्होंने खुद के अपहरण मामले में छत्तीसगढ़ के तात्कालीन मुख्य सचिव सुब्रत साहू, डीजीपी डीएम अवस्थी, आईजी सुंदरराज परिलिंगम, पुलिस अधीक्षक दीपक झा, ओडिशा के प्रमुख सचिव संजीव चोपड़ा, डीजीपी अभय, डीआईजी राजेश पंडित, पुलिस अधीक्षक वरुण गुट्टूपल्ली, केस इंचार्ज निरंजन बेहरा को पक्षकार बनाया है।