नई दिल्ली। लद्दाख तनाव के दौरान चीन अपने हैकर्स के जरिए भारत को अंधेरे में डुबोना चाहता था। न्यूयार्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में कहा गया कि पिछले साल मुंबई में जो पावर फेल हुआ था वो चीन की ओर से साइबर अटैक ही था। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में दावा किया गया कि चीन के हैकर्स ने पिछले साल अक्तूबर में सिर्फ पांच दिनों के अंदर भारत के पॉवर ग्रिड, आईटी कंपनियों और बैंकिंग सेक्टर्स पर 40500 बार साइबर अटैक किया था। रिपोर्ट में कहा गया कि जून में गलवान घाटी झड़प के चार महीने बाद 12 अक्तूबर को मुंबई में हुए ब्लैकआउट में चीन का हाथ था।
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया कि चीनी हैकर्स ने भारत के इलेक्ट्रिक सप्लाई के कंट्रोल सिस्टम में एक मैलेवेयर को डाल दिया था जिसके कारण मुंबई की पावर सप्लाई ठप्प हो गई थी। बता दें कि नवंबर 2020 में इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि महाराष्ट्र साइबर डिपार्टमेंट ने अंदेशा जताया था कि पावर आउटेज के पीछे मैलेवेयर अटैक हो सकता है। पावर आउटेज का मुख्य कारण थाने जिले के पडघा के डिस्पैच सेंटर के पास ट्रिपिंग हो गई थी। हालांकि तब ऐसी किसी भी रिपोर्ट पर किसी ने गंभीरत नहीं दिखाई। अब न्यूयॉर्क टाइम्स ने कहा कि मैलवेयर ट्रेसिंग रिकॉर्डेड फ्यूचर कंपनी ने किया है, ये एक साइबर सिक्योरिटी कंपनी है। इसकी स्थापना 2009 में सोमरविल, मैसाचुसेट्स में की गई थी। यह कंपनी सरकारी एजेंसी के साथ इंटरनेट की स्टडी करता है।
वहीं फ्यूचर कंपनी का दावा है कि सभी मैलेवेयर एक्टिव नहीं थे। इसका मतलब है कि मैलेवेयर का एक छोटा प्रोपोर्शन मुंबई में पावर आउटेज का कारण बना। वहीं फ्यूचर कंपनी का कहना है कि चीन की सरकारी हैकर्स की RedEcho नाम की फर्म ने गुपचुप तरीके से भारत के एक दर्जन से ज्यादा पावर जनरेशन और ट्रांसमिशन लाइन मे घुसपैठ के लिए अडवांस साइबर हैकिंग के तकनीकों का व्यवस्थित रूप से उपयोग किया था। फिलहाल इस बात को पुख्ता सबूत नहीं हैं कि मुंबई का पावर आउटेज मौजूदा हैकर ग्रुप की वजह से ही हुआ था। बता दें कि 12 अक्ततूबर को मुंबई में कई घंटों का पावर कट लगा था। सुबह 10 बजे से दोपहर तक मुंबई में बिजली सप्लाई ठप हो गई थी।