मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ थीम पर प्रदेश का बजट विधानसभा में पेश किया। मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री के रूप में यह उनका तीसरा बजट है, जबकि प्रदेश का 21वां बजट है। CM भूपेश ने ग्रामीण क्षेत्र में रूरल इंडस्ट्रियल पार्क बनाने की घोषणा की। यहां पर कृषि मार्ट स्थापित किए जाएंगे, जहां पर कृषि उपकरणों और कृषि उत्पादों की बिक्री होगी। उन्होंने कहा कि मछली पालन को कृषि का दर्जा दिया जाएगा।
CM ने कहा कि राज्य और राज्य के बाहर सी-मार्ट शुरू किया जाएगा। प्रदेश की GDP 1.54 फीसदी वृद्धि रहेगी।। उन्होंने कहा कि इस बार छत्तीसगढ़ में रिकॉर्ड धान की खरीदी की गई, जो इतिहास है। मनरेगा में रोजगार देने में छत्तीसगढ़ ने नया कीर्तिमान बनाया है।
बजट पेश करने से पहले मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, “वक्त कितना भी मुश्किल हो/रफ्तार नहीं थमने देंगे, चुनौतियां लाख हों/छत्तीसगढ़ को नहीं रुकने देंगे। आगे बढ़ेगा छत्तीसगढ़, गढ़ेंगे नवा छत्तीसगढ़।” सीएम जूट के बैग में बजट रखकर विधानसभा पहुंचे।
- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गौठान योजना के लिए 175 करोड़ का प्रावधान रखा है।
- दुर्घटना होने पर पत्रकारों को 5 लाख का मुआवजा
- ग्रामीण स्तर पर रूरल इंडस्ट्रियल पार्क लगाए जाएंगे, स्टेट जीडीपी में वृद्धि हुई है,
- चिराग योजना में 150 करोड़ का प्रावधान।
- सौर सुजला में 530 करोड़ का प्रावधान।
- मत्स्य पालन को कृषि का दर्जा इसपर 171 करोड़ 20 लाख का प्रावधान किया गया है।
- राज्य बीमा में 56 करोड़ का प्रावधान।
- गोबर खरीदी के 80 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है।
- गौठान योजना के लिए 175 करोड़ का प्रावधान।
- लाख पालन को भी कृषि के समकक्ष दर्जा दिया गया है।
- कोदो,कुटकी,रागी को समर्थन मूल्य में लिया जाएगा।
- इस वर्ष 20 लाख 53 किसानों से 92 लाख मैट्रिक टन धान खरीदी की गई, जो छत्तीसगढ़ के इतिहास में सर्वाधिक है।
- चिराग योजना 2021 22 के बजट में 150 करोड़ का प्रावधान किया गया। अब तक 71300 क्विंटल कंपोस्ट खाद का निर्माण किया जा चुका है।
- PM कृषि सिंचाई योजना और शाकंभरी योजना के लिए 123 करोड़ का प्रावधान।
- गौठानों को रोजगार मुखी बनाने के लिए हमारी सरकार लगातार काम कर रही है। गौठान योजना के लिए बजट में 175 करोड़ का प्रावधान।
- चार नए बोर्ड बनाए जाएंगे।
- भूमिहीन श्रमिकों के लिए नवीन न्याय योजना की होगी शुरुआत।
- पत्रकारों की आकस्मिक मृत्यु की सहायता राशि को 2 लाख से बढ़ाकर 5 लाख प्रावधान।
- तृतीय लिंग के लिए 76 लाख की लागत से पुनर्वास केंद्र बनाए जाएंगे।
- स्वच्छता दीदियों के मानदेय को बढ़ाकर 5 हजार से 6 हजार किया गया।
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