बिलासपुर। रेलवे अत्याधुनिक तकनीक, ज्यादा क्षमता और सुंदर बनावट वाले एलएचबी कोच को तेजी से अपना रही है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर जोन की भी कई ट्रेनें एलएचबी कोच से चल रही हैं। इनमें महिलाओं व दिव्यांगों के लिए आरक्षित कोच नहीं थे। इसे ध्यान में रखते हुए सात विशेष डिजाइजन किए गए एलएचबी कोच(एलएसएलआरडी) मंगाए गए हैं। इनमें महिला व दिव्यांग यात्री अलग से यात्रा कर सकते हैं।
भारतीय रेलवे की ओर से ट्रेनों में लगे पुराने नीले रंग के कोच(आइसीएफ) को हटाया जा रहा है। उनकी जगह आधुनिक एलएचबी कोच वाली ट्रेनें ही चलाई जा रही हैं। इसमें महिला और दिव्यांग यात्रियों के लिए अलग से कोच आरक्षित नहीं है। इससे सफर के दौरान उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता था।
इसे देखते हुए जोन ने रेलवे बोर्ड से इस श्रेणी के यात्रियों की सहूलियत के लिए कोच की मांग की थी। इसी के तहत बिलासपुर रेल मंडल को नई डिजाइन वाले सात कोच मिले हैं। ये कोच कपूरथला स्थित रेल कोच फैक्ट्री से आए हंै। महिला कोच में 20 सीटें और दिव्यांगों के लिए चार सीटें आरक्षित हंै। इसमें इतनी जगह छोड़ी गई है कि दिव्यांग यात्री व्हीलचेयर, वाकर या बैसाखी को आराम से रख सकते हैं। साथ ही गार्ड केबिन और पार्सल रखने की भी जगह है।
बिलासपुर की इन ट्रेनों में जोड़ने की योजना
0 बिलासपुर-भगत की कोठी एक्सप्रेस
0 बिलासपुर-बीकानेर एक्सप्रेस
0 बिलासपुर-पुणे एक्सप्रेस
0 बिलासपुर-चेन्न्ई एक्सप्रेस
0 बिलासपुर-पटना एक्सप्रेस
0 बिलासपुर-एर्नाकुलम एक्सप्रेस
एक जनरेटर कार हटेगी
जिन ट्रेनों में ये कोच जोड़े जाएंगे उनसे एक-एक जनरेटर पावर कार हटाई जाएगी। अभी एलएचबी कोच से चलने वाली ट्रेनों में आगे व पीछे एक-एक जनरेटर कार जुड़ी रहती हैं। जनरेटर कार डीजल से चलती है। जबकि नया कोच इलेक्ट्रिक है। एक जनरेटर कार बंद होने से प्रदूषण भी कम होगा। मालूम हो कि पुराने कोच से एलएचबी कोच की लंबाई लगभग दो मीटर अधिक है। इसलिए कोच में सीटों की संख्या भी अधिक रहती है। कपूरथला स्थित रेल फैक्ट्री से नई डिजाइन के कोच उपलब्ध कराए गए हैं। इससे सफर के दौरान महिला और दिव्यांगों को किसी तरह की परेशानी नहीं होगी।