रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में आज राज्य सरकार द्वारा लगाये गए कोरोना शुल्क पर जम कर बवाल हुआ। बीजीपी विधायक अजय चंद्राकर ने इस मुद्दे पर सवाल उठाया था, जिस पर सरकार की तरफ से वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने जवाब दिया, लेकिन जवाब से असंतुष्ट हो कर विपक्ष ने वाक आउट कर दिया।
अजय चंद्राकर ने प्रश्न काल के दौरान सवाल उठाया था कि शराब पर विशेष कोरोना शुल्क लगाया गया था उसका उद्देश क्या था? कितनी आय हुई और यह कहाँ खर्च हुआ?
आबकारी मंत्री के स्थान पर वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने जवाब देते हुए कहा कि विशेष आबकारी शुल्क देशी मदिरा से 198 करोड़ रुपए, और विदेशी मदिरा से 166 करोड़ रुपए प्राप्त हुए इनको अधोसंरचना, पोषण, शिक्षा और स्वस्थ्य पर खर्च किया जायेगा। अजय चंद्राकर ने आगे पूछा कि बलरामपुर जिले में कोई शुल्क नहीं लगा क्यों? मोहम्मद अकबर ने बताया कि वहां कि देशी शराब दुकान नहीं है।
अजय चंद्राकर ने आगे कहा कि अधिसूचना के जरिये इस पैसे को सामान्य प्रशासन विभाग को दे दिया गया, एक रूपया स्वस्थ्य विभाग को नहीं दिया गया, क्या स्वस्थ्य विभाग को ये पैसे देंगे? मोहम्मद अकबर ने जवाब दिया कि पैसा खर्च प्राधिकरण करेगा और इसका समन्वय सामान्य प्रशासन विभाग करेगा। उत्तर पर विपक्ष के विधायक भड़क गए।
बीजीपी विधयक शिवरतन शर्मा भी दोहराया कि विशेष कोरोना शुल्क लगा कर अतिरिक्त टैक्स लगाया गया पर ये पैसे स्वस्थ्य विभाग को नहीं मिले। मोहम्मद अकबर ने फिर जवाब दिया कि राशी निर्धारित उद्देश्यों पर खर्च की जायगी अन्य प्रयोजन पर खर्च नहीं कि गई है। अजय चंद्राकर ने कहा कि कोरोना कि राशि का दुरूपयोग हो रहा है और 11:26 बजे विपक्ष ने सदन से वाक आउट कर दिया।