रायपुर। प्रदेश में भूपेश सरकार ने इस बार सारे रिकार्ड को ध्वस्त करते हुए 2500 रुपए प्रति क्विंटल की दर से लगातार दूसरी बार धान खरीदी की है। इससे पहले भी किसानों को 2500 रुपए की दर से ही भुगतान किया गया है। इन धानों को चावल में परिवर्तित करने के लिए कस्टम मिलिंग कराई जाती है। आज सदन में इसी विषय को लेकर भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने सवाल खड़ा किया।
विधायक शर्मा ने खाद्यमंत्री से पूछा कि प्रदेश में धान खरीदी और कस्टम मिलिंग को लेकर भुगतान की क्या व्यवस्था की गई है, कितना भुगतान हो चुका है, कितना अभी भी बकाया है, प्रोत्साहन राशि कितनी और किस आधार पर प्रदान की गई है।
इन सवालों में उलझे खाद्यमंत्री अमरजीत भगत ने बताया कि मिलर्स को 630 करोड़ का भुगतान किया जाना है, जिसमें से 430 करोड़ का भुगतान कर दिया गया है। 200 करोड़ का भुगतान अभी शेष है। बिलों के मिलान के साथ भुगतान की प्रक्रिया को पूरा किया जा रहा है।
इसके बाद स्टाॅक को लेकर पूछे गए सवाल पर खाद्यमंत्री बुरी तरह से घिर गए। विपक्षी सदस्यों ने सवाल दागा कि जब पुराना धान स्टाॅक में है, तो उसे कस्टम मिलिंग में भेजने के बजाए नए धान को क्यों भेजा जा रहा है। पुराना स्टाॅक पहले क्यों नहीं उठवाया जा रहा है। क्या पुराना धान खराब हो चुका है। इस पर मंत्री की ओर से संतोषप्रद जवाब नहीं मिला, जिसके चलते विपक्ष ने वाॅक आउट कर दिया।