छत्तीसगढ़ विधानसभा में इन दिनों विपक्ष सरकार को कई मुद्दों पर घेर रहा है। उन्हीं में से एक मुद्दा जो विपक्ष ने बड़ी जोरशोर से उठाया है वो है शराब में सेस का । लेकिन इस मुद्दे को विपक्ष इतना ज्यादा महत्व क्यों दे रहा है। भाई प्रदेश में कई विभाग है। कई मुद्दे हैं। कई प्रश्न हैं जिनके जवाब विपक्ष सरकार से लेना चाहता है लेकिन इन दिनों जिस मुद्दे ने जोर पकड़ा है वो है शराब पर सेस का मुद्दा। जिसकी आंच अब महालेखाकार भवन तक आ पहुंची । हम आगे बात करें लेकिन उससे पहले जान लिजिए आखिर माजरा पूरा क्या है। ताकि आपको ये समझने में आसानी हो कि आखिर सिर्फ कुछ ही मु्द्दों पर विपक्ष इतना आक्रमक क्यों दिख रहा है। दरअसल विपक्ष ने सरकार पर सेस की राशि का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है,जिसकी शिकायत महालेखाकार से की गई है। विपक्ष के मुताबिक पिछले साल मई महीने में शराब पर सेस की राशि पहले कोरोना मद में वसूली गई। लेकिन जितनी भी राशि कोरोना मद में सरकार ने वसूली वो स्वास्थ्य विभाग को नहीं दी गई। ठीक उसी तरह से गौठान के विकास और रखरखाव के लिए सेस लगाया गया। लेकिन जो भी राशि सेस में मिली वो भी पंचायत विभाग को नहीं मिली। अब आपको बताते हैं कि दोनों में सेस लगाकर सरकार ने कितने की वसूली की। पहले बात शराब की जिसमे सरकार ने सेस लगाकर 364.75 करोड़ की वसूली की वहीं गौठान के रखरखाव में लगे सेस से सरकार को 156 करोड़ रुपए की वसूली हुई। यानी दोनों ही मामलों को यदि जोड़ दिया जाए तो करीब 510.75 करोड़ रुपए की राशि इन दोनों ही विभाग से सरकार को मिली है।
आखिर क्यों सिर्फ सेस का मुद्दा है गरमाया ?
अब जरा गौर फरमाईए ये दोनों ही विभाग जिस मंत्री से ताल्लुक रखते हैं वो है टीएस सिंहदेव का। टीएस सिंहदेव के पास स्वास्थ्य मंत्रालय है और शुरुआती दौर में गौठान के रखरखाव की जिम्मेदारी भी पंचायत विभाग के पास ही थी। लिहाजा अब सेस की माला विपक्ष जप रहा है। इस माला को जपने के कई कारण हो सकते हैं। पहला तो ये कि विपक्ष ये बताना चाहता है कि देखिए मंत्री महोदय सरकार के पास आपके ही विभाग से वसूले गए पैसे हैं। जो आपके विभाग तक नहीं पहुंचे हैं। वहीं दूसरा विपक्ष इस मामले में इतना इसलिए उग्र नजर आ रहा है कि क्योंकि कहीं ना कहीं विपक्ष ये जानता है कि 500 करोड़ की ये राशि कोई छोटी राशि नहीं है जिसे कोई भी विभाग नजरअंदाज कर देगा। हो सकता है कि संबंधित विभाग का इस ओर ध्यान तब ना गया हो लिहाजा विपक्ष अब अपने माध्यम से संबंधित विभाग को इस राशि को दिलाने में जी जान से जुटा है। इस पूरे मामले में बड़े बड़े दिग्गजों के मुंह सिले हुए हैं। कोई कुछ नहीं बोल रहा है। लेकिन जनता के सामने चल रही इस विधानसभा में जो कुछ भी हो रहा है उसे देखकर हर कोई यही अंदाजा लगा रहा है कि विपक्ष के तीर किसी और दिशा में है जबकि निशाना कहीं और है।
BIG NEWS : शराब, सेस और सियासत…..विधानसभा में विपक्ष का हंगामा…कहीं पर निगाहें और कहीं पर निशाना तो नहीं..
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