प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छत्तीसगढ़ में एक बड़ी कार्यवाही की है। बैंक फ्राड मामले में गिरफ्तार सुभाष शर्मा से जुड़ी 31.83 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की गई है। यह कार्यवाही मनी लांड्रिंग के मामले में हुई है। इससे पहले ED ने शर्मा से जुड़ी करीब 7 करोड़ 85 लाख रुपये मूल्य की संपत्ति को अटैच किया था।
ED के अधिकारियों ने बताया, सुभाष शर्मा ने बड़े पैमाने पर फर्जी तरीके से ऋण लिया। बाद में इस कर्ज को अपनी अलग-अलग कंपनियों में हस्तांतरित कर दिया। जांच में सामने आया कि सुभाष शर्मा ने 29.65 करोड़ रुपए की ऋण राशि विभिन्न कंपनियों के जरिये मेसर्स छत्तीसगढ़ स्टील एंड पॉवर लिमिटेड के फेरो एलॉयस यूनिट के संयंत्र और मशीनरी में निवेश किये। इस राशि के बराबर के शेयर सुभाष शर्मा की तीन शैल कंपनियों के नाम पर जारी कर दिये गये। सुभाष शर्मा ने इन शैल कंपनियों का उपयोग बैंक से मिली ऋण राशि को डाइवर्ट करने के लिए किया।
ED ने 29.65 करोड़ रुपये मूल्य की मेसर्स छत्तीसगढ़ स्टील एंड पॉवर लिमिटेड के फेरो एलॉयस यूनिट के संयंत्र और मशीनरी को कुर्क किया है। इसके अलावा रायपुर के पुरैना गांव में स्थित 2 करोड़ 18 लाख रुपये मूल्य की जमीन को भी कुर्क किया गया है। यह सुभाष शर्मा की शैल कंपनी मेसर्स सौम्य प्रकाशन लिमिटेड के नाम पर है। अधिकारियों ने बताया, मामले में अभी जांच जारी है। बैंकों की शिकायत पर CBI भी इस मामले की जांच कर रही है।
38.50 करोड़ का लोन
अधिकारियों ने बताया, सुभाष शर्मा ने होटल सफायर इन, गुडलक पेट्रोलियम कंपनी और मेसर्स विदित ट्रेडिंग कंपनी के लिए 38.50 करोड़ का कर्ज लिया था। यह रकम एक्सिस बैंक और पंजाब नेशनल बैंक रायपुर से ली गई थी। इनकी किश्तें अदा नहीं हुई उसके बाद बैंकों ने इस खाते को फ्रॉड घोषित कर दिया।
2018 में गिरफ्तारी
सुभाष शर्मा के खिलाफ रायपुर के गोल बाजार और सिविल लाइन थाने में अपराध दर्ज थे। 2015 में विक्रम राणा नामके व्यक्ति ने गोल बाजार थाने में शर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत की थी। उसके मुताबिक सुभाष शर्मा ने राणा की जमीन बंधक रखकर पंजाब नेशनल बैंक से करीब 16.50 करोड़ का कर्ज लिया था। किश्ते अदा नहीं होने पर बैंक ने राणा को नोटिस भेजा। उसके बाद इस फ्राड की जानकारी हुई। इस मामले में गोल बाजार पुलिस ने अप्रेल 2018 में उसे गिरफ्तार किया।