रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र का आज 15 वां दिन और 11 वीं बैठक थी। इस बीच एक दिन राज्यपाल का अभिभाषण और एक दिन राज्य बजट के नाम हो गया था। इस तरह से सदन में कुल चर्चा 9 दिनों की ही हुई है। बजट भाषण के पश्चात आज बजट अनुदान मांग पर सभी विभागों की चर्चा समाप्त हो गई और अब केवल विधेयकों पर चर्चा किया जाना शेष रह गया है।
बीते तीन दिनों से विपक्ष की सदन में मौजूदगी केवल प्रश्नकाल के दौरान ही नजर आ रही है, इसके बाद शून्यकाल में किसी ना किसी बात को लेकर बखेड़ा खड़ा होता है और विपक्ष सदन की कार्यवाही का बहिष्कार कर बाहर हो जाता है। कुल मिलाकर बजट जैसे महत्वपूर्ण सत्र में भी विपक्ष सदन के भीतर अपनी मौजूूदगी का अहसास नहीं करा पा रहा है। ऐसे में सदन की कार्यवाही एकतरफा जाती दिख रही है।
हालांकि सदन के भीतर विपक्ष की संख्या इतनी भी नहीं है कि सत्ता पक्ष के प्रस्तावों के खिलाफ उनका संख्याबल से कोई नतीजा बदल पाए, लेकिन फिर भी सदन में विपक्ष की मौजूदगी से कम से कम सत्ता पक्ष पर कुछ दबाव जरुर बना रहता है।
वहीं दूसरी तरफ कोरोना ने विधानसभा भवन के भीतर एक बार फिर तांडव शुरू कर दिया है। पूर्व में दो विधायक कोरोना की चपेट में आए थे अब दो प्रमुख मंत्री कोरोना पाॅजिटिव आ गए हैं। जिसकी वजह से सदन में खौफ साफ नजर आने लगा है, जिसकी वजह से सत्रावसान की मांग भी उठने लगी है।
इन तमाम पहलुओं को ध्यान में रखते हुए माना जा रहा है कि मंगलवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र का अंतिम दिन हो सकता है। और विधानसभा अध्यक्ष निर्धारित समय से 15 दिन पहले ही अनिश्चितकाल के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित किए जाने की घोषणा कर सकते हैं।