यहां पर आपको हिन्दी सिने स्टार अक्षय कुमार अभिनीत फिल्म “स्पेशल-26” की कहानी याद दिलाते हैं, जिसमें ठगी को कैसे सरकारी खौफ का रंग दिया जाता है। रील पर चल रही वह फिल्म अवैध कारोबारियों के लिए किसी रियल से कम नहीं है। अक्षय कुमार के उसी फिल्म के अंदाज में एक “स्पेशल-20” रियल लाइफ में हुई है, वह भी छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में। जहां 20 लोगों ने ठगी की पूरी योजना को फूड डिपार्टमेंट की तरह पेश किया और व्यापारियों को ठग लिया, लेकिन धर लिए गए।
यहां फूड विभाग के अफसर बनकर स्पेशल 20 की टीम व्यापारियों से अवैध वसूली कर रही थी। संदेह होने पर उच्चाधिकारियों से बात की तो मामले का खुलासा हुआ। इसके बाद सभी को पकड़कर गौरला थाना पुलिस को सौंप दिया गया।
व्यापारियों को धर्मशाला में बुलाकर काट रहे थे चालान
जानकारी के मुताबिक, गौरेला स्थित अग्रसेन धर्मशाला में करीब 4 दिन पहले 20 लोग खुद को फूड सेफ्टी विभाग का अफसर और कर्मचारी बताकर रहने के लिए पहुंचे और यह सभी पूरे जिले में दुकानदारों, धान खरीदी करने वाले व्यापारियों, होटल मालिकों और डेयरी संचालकों की जांच कर रहे थे। इस दौरान एक से दो हजार रुपए के चालान भी काटे गए। कई लोगों को धर्मशाला में भी बुलाकर चालान की वसूली की गई थी।
4 दिन में जिले भर के व्यापारियों से वसूले 8 लाख रुपए
आरोपियों ने 4 दिन में जिले के व्यापारियों से करीब 8 लाख रुपए वसूल लिए। इसको लेकर व्यापारियों ने आपस में चर्चा की तो उन्हें संदेह हुआ। इस पर रविवार को व्यापारियों ने विभाग के उच्चाधिकारियों से बात की तो पता चला कि वह इस तरह का चालान नहीं करते हैं। इसके बाद व्यापारियों ने मामले की जानकारी गौरेला SDOP को दी। इसके बाद व्यापारियों ने पुलिस के साथ धर्मशाला की घेराबंदी की और सभी आरोपी पकड़े गए।
नागपुर की NGO को ट्रेनिंग देने भेजा था, वसूली में लग गए
ठग गिरोह का सरगना आरके लाल को बताया जा रहा है। वह अफसरों की तरह हावभाव कर व्यापारियों से बात करता तो वे डर जाते। गौरेला TI रघुनंदन शर्मा ने बताया कि अभी तक कि जांच में पता चला है कि आरोपी नागपुर की एक NGO के लिए काम करते हैं। NGO को फूड सेफ्टी की ट्रेनिंग देने का प्रोजेक्ट दिया गया है। इसकी आड़ में अवैध वसूली कर रहे थे। सभी आरोपी हिरासत में हैं। रसीदों की जांच की जा रही है। व्यापारियों के बयान के बाद FIR दर्ज करेंगे।