रायपुर। नगर निगम रायपुर में वेतन घोटाले के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। आरोपी दो निगम कर्मचारी और उनके परिजनों के खिलाफ भी थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। यह एफआईआर जोन-3 के कमिश्नर प्रवीण सिंह ने दर्ज कराया है। उन्होंने पुलिस को बताया कि आरोपियों ने फर्जी कागजात तैयार कर 71 लाख 8 हजार 961 रुपए निगम के खाते से निकाल लिए थे। इसकी जानकारी होने पर ऑडिट कराई गई, तब पूरे मामले का खुलासा हुआ।
जानकारी के अनुसार, निगम में सहायक ग्रेड तीन के पद पर कार्यरत गंगाराम सिन्हा पिछले पांच साल से अपने तीन परिजन और कम्प्यूटर ऑपरेटर के पद पर कार्यरत नेहा परवीन की बहन और मां के खातों पर रकम ट्रांसफर किया है। इसमें निगम की ओर से भी जांच की गई, तब खुलासा हुआ कि गंगाराम सिन्हा, नेहा परवीन के साथ मिलकर अन्य लोगों के नाम से वेतन निकाल रहा था।
सात आरोपी के खिलाफ केस दर्ज, सभी फरार- पुलिस
सिविल लाइन थाना प्रभारी आरके मिश्रा का कहना है कि जोन 3 के कमिश्नर ने कुछ दिन पहले शिकायत की थी. इसमें ऑडिट रिपोर्ट नहीं मिला था. कल उनके द्वारा ऑडिट रिपोर्ट उपलब्ध कराया गया जिसके बाद देर रात निगम कर्मी गंगाराम सिन्हा, देव कुमारी सिन्हा, शुभम सिन्हा, अशोक सिन्हा और कम्प्यूटर ऑपरेटर नेहा परवीन, सरवरी बेगम, खालीदा अख्तर, निगार परवीन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। सभी आरोपी फरार है, उनकी तलाश की जा रही है।
तत्काल प्रभाव से किया था निलंबित
महापौर ने बताया कि जैसा ही मामले सामने आया था, आरोपी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था। उसके बाद तीन सदस्यीय जांच समिति गठन किया गया था। जांच समिति ने रिपोर्ट सौंप दिया है। रिपोर्ट में स्पष्ट है कि लाखों का ग़बन हुआ है। इसे देखते हुए पहले एफआइआर दर्ज कराया गया है और गबन राशि के रिकवरी के लिए उनके पीएफ फ़ंड एवं अन्य फंड रोका जाएगा। ज़रूरत पड़ी तो आरोपी के संपत्ति कुर्की की भी कार्रवाई की जाएगी।