कोतबा। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर कोतबा चौकी क्षेत्र के ग्राम कोकियाखार में अंधविश्वास में जकड़े ग्रामीणों ने बेरहमी की सारी हदें पार कर दी। एक महिला पर टोनही का संदेह कर ग्रामीण घर का दरवाजा तोड़कर उसके घर में दाखिल हुए। महिला को उसके घर में घुसकर जमकर पीटा। महिला की चाची ने मौके पर पहुंचकर उसकी जान बचाई। घटना की सूचना जब पुलिस को दी गई तो मौके पर पुलिस पहुंची। पर पुलिस के सामने भी महिला पर ईंट व पत्थर फेंकने में ग्रामीणों ने कोई कसर नहीं छोड़ी। घटना के संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक कोकियाखार की महिला रविवार शाम को अपने घर में बच्चों के साथ थी। उसके पति बाजार गए हुए थे। इस दौरान कुछ ग्रामीण उसके घर के बाहर जमा हुए और गंदी-गंदी गालियां देते हुए महिला को घर से निकलने को कहा।
खतरे को भांपते हुए महिला ने अपने घर का दरवाजा भीतर से बंद कर लिया और बाहर नहीं निकली। काफी देर तक आवाज देने के बाद भी जब महिला घर से बाहर नहीं निकली तो आरोपी दरवाजा तोड़कर घर के भीतर घुस गए और महिला के साथ मारपीट करने लगे। पीड़ित महिला के मुताबिक आरेापियों ने उसकी बाल पकड़कर जमीन पर पटका और लात व मुक्कों से उसे बेरहमी से पीटा। आरोपी महिला का गला दबाकर उसे जान से मारने की कोशिश कर रहे थे, उसी वक्त महिला की चीख सुनकर उसकी चाची मौके पर पहुंची और उसने बीच बचाव कर महिला की जान बचाई। इस घटना की सूचना सीधे एसएसपी बालाजी राव को फोन पर दी गई थी और उन्होंने तत्काल मौके पर कोतबा पुलिस को भेजा। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर महिला को सुरक्षा दी। बताया जाता है कि पुलिस के सामने भी कुछ ग्रामीण महिला पर ईंट व पत्थर फेंककर उसे मारने की कोशिश कर रहे थे।
बैगा ने गांव वालों के सामने किया था टोनही घोषित – 5 मार्च को गांव में अनिरूद्ध ने एक बैठक रखवाई थी। जिसमें तंत्र-मंत्र करने वाले बैगा को बुलाया गया था। पीड़िता ने बताया कि उस दिन उस बैठक में उसे भी बुलाया गया था। महिला अपने पति के साथ बैठक में गई। जहां बैगा बस्तीवालों के सामने तंत्र साधना कर रहा था और उसने एक टांगी पकड़ी थी। बैगा ने गांव वालों के सामने कहा था कि उस टांगी को वह फेकेंगा। टांगी जिसके घर के सामने में जाकर गिरेगी वही टोनही का घर है। ऐसा कहकर बैगा ने टांगी को पीड़िता के घर के सामने फेंक दिया था और पूरे गांव वालों के सामने उसे टोनही घोषित कर दिया था।
14 ग्रामीणों के विरूद्ध अपराध दर्ज
गांव की एक बच्ची की तबियत खराब होने के कारण आरोपियों ने अंधविश्वास में पड़कर इस घटना को अंजाम दिया है। इस मामले में कोतबा चौकी पुलिस ने आरोपी अनिरुद्ध यादव, शारदा, जितेंद्र, अंजली, उषा चौहान, विनय, पुरन्दर, गोली, परमानंद, जामझोरेन, विनीता, रानी, रमेश, गोलू और गांव के बैगा सहित अन्य लोगो के खिलाफ अपराध पंजीबद्घ कर जांच विवेचना शुरू कर दी है।
एक माह से टोनही कहकर कर रहे थे प्रताड़ित
पीड़िता ने पुलिस को बताया कि 14 फरवरी रविवार सुबह अनिरुद्ध यादव, जितेंद्र यादव और उषा चौहान अपनी बेटी को लेकर उसके घर आए थे। उस दौरान उन्होंने कहा था कि ये देखो तुम्हारी करतूत तुम्हारे जादू टोना से हमारी बेटी पागलों जैसे हरकत कर रही है और बार-बार तुम्हारा नाम ले रही है। अगली बार फिर ऐसा होगा तो इसका अंजाम भुगतने को तैयार रहना।
पीड़ित महिला ने पुलिस से मांगी सुरक्षा
पीड़ित महिला ने पुलिस से सुरक्षा की मांग की है। गांव वाले कभी भी उसे जान से मार सकते हैं। वह और उसके बच्चे व परिवार के सभी सदस्य काफी डरे हुए हैं। इस वारदात को अंजाम देने वाले अंधविश्वास में जकड़े आरोपी अनिरूद्ध की पत्नी पेशे से स्कूल टीचर है। एक स्कूल टीचर होते हुए भी वह अपने पति को नहीं समझा पाई कि जादू-टोना जैसी कोई चीज होती नहीं है। जब शिक्षिका स्वयं अंधविश्वास की समर्थक है तो इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि गांव के आने वाली पीढ़ी में अंधविश्वास पनपेगा या दूर होगा।
अभी चल रही है जांच, जल्द होगी गिरफ्तारी
“पीड़िता के शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ धारा 294, 506, 223 ,452, 34 भादवि, टोनही प्रताड़ना निवारण अधिनियम 2005 की धारा 4,5 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर जांच विवेचना की जा रही है। जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा।”
-सीपी त्रिपाठी, चौकी प्रभारी