रायपुर। राजधानी रायपुर में एक बेहद ही संवेदनशील मामला सामने आया है। साल 2019 में डीआरआई (डायरेक्ट्रेट आॅफ रेवन्यू इंटेलीजेंस) नागपुर ने भारी मात्रा में गांजा ट्रासपोर्ट के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए मोवा स्थित रेलवे यार्ड से एक ट्रक को जप्त किया था। उस समय डीआरआई के पास जप्त ट्रक को रखने की सुविधा नहीं थी, जिसकी वजह से ट्रक को निजी लाॅजिस्टिक कंपनी काॅनकोर के यार्ड में खड़ा कर दिया गया।
सालभर बाद यानी 2020 में काॅनकोर कंपनी का दफ्तर रायपुर शिफ्ट हो गया। इसके बाद अब जब डीआरआई ने कंपनी से उस ट्रक की जानकारी मांगी, तब जाकर ट्रक की चोरी का बड़ा मामला खुलकर सामने आया।
इस मामले को लेकर निजी लाॅजिस्टिक कंपनी के सिर का दर्द बढ़ गया है, क्योंकि मामला एनडीपीएस एक्ट के तहत जप्त किए गए ट्रक से संबंधित है और कंपनी ने डीआरआई से उसकी जवाबदारी ली थी। ऐसे में उस ट्रक का चोरी होना, बड़ी मुश्किल का सबब बन सकता है।