साधु-संतो के पावन सानिध्य में राजिम माघी पुन्नी मेला का भव्य समापन
राजिम एक शहर ही नहीं संस्कृति और धर्म का परिचायक है- श्री भूपेश बघेल
संस्कृति और परंपरा को सहेजने का कार्य कर रही है हमारी सरकार
किसान न्याय योजना की चौथी किस्त इस माह के अंत तक किसानों के खाते में
लाखों लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई और दर्शन किये
राजिम। छत्तीसगढ़ का प्रयाग राज कहे जाने वाले पवित्र त्रिवेणी संगम के तट पर 27 फरवरी से 11 मार्च तक 15 दिनों तक चलने वाले राजिम माघी पुन्नी मेला-2021 का भव्य समापन आज महाशिवरात्री के अवसर पर शाम 7 बजे मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश के धर्मस्व, पर्यटन, गृह, जेल, लोक निर्माण मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने किया । नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थे। समारोह में महंत श्री रामसुन्दरदास महंत, गोवर्धन शरण जी महाराज, संत विचार साहेब एवं विशिष्ट साधु-संतों की गरिमामयी मौजूदगी रही।
इस अवसर पर राजिम विधायक श्री अमितेश शुक्ल, अभनपुर विधायक श्री धनेन्द्र साहू, सिहावा विधायक डाॅ. श्रीमती लक्ष्मी ध्रुव,खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन के विशेष आतिथ्य में एवं नगर पालिका परिषद् गोबरा नवापारा के अध्यक्ष श्री धनराज मध्यानी और नगर पंचायत राजिम की अध्यक्ष श्रीमती रेखा राजू सोनकर , कलेक्टर श्री नीलेश क्षीरसागर ,पुलिस अधिक्षक श्री भोजराम पटेल, सहित स्थानीय जनप्रतिनिधी और बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण की उपस्थिति रही।अतिथियों ने भगवान राजीव लोचन की प्रतिमा में दीप प्रज्वलित कर पूजा अर्चना की। इसके पूर्व महानदी की आरती में शामिल होकर प्रदेश की खुशहाली और समृद्धि की कामना की ।इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री भूपेश बघेल ने अपने छतीसगढ़ी उद्बोधन में अपने बचपन की स्मृति को याद करते हुए कहा कि 70 के दशक में अपने माँ और परिवार के साथ राजिम मेला बैल गाड़ी में आते थे ।यहां राजिम की संस्कृति सैकडों साल पुराना है ।यहां की परम्परा बहुत ही समृद्ध है । मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा की हम अपने ऋषि मुनियों के परंपरा और संस्कृति को संरक्षित करने का कार्य कर रहे हैं । इतिहास को फिर से लिखने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राम वन गमन के तहत चिन्हित 75 स्थानों में से 9 जगह को विकसित करने की तैयारी चल रही है। राजिम मेला को स्थाई जगह प्रदान करने के लिए उसका विकास कार्य किया जा रहा है ।उन्होंने कहा कि राजिम संस्कृति और धर्म का परिचायक है ।इसे देश के धार्मिक क्षेत्र के रूप में विकसित करना है ।उन्होंने लोगों की मंशा के अनुरूप घोषणा किया कि क्षेत्र में 15 दिन तक मेला के दौरान शराब और मांस की बिक्री प्रतिबंध रहेगा । मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि किसान न्याय योजना के लिए ₹5703 की व्यवस्था इस बजट में किया गया है ।साथ ही इस मार्च माह तक किसानों के खाते में किसान न्याय योजनां की चौथी किश्त पहुंच जाएगा ।उन्होंने कहा कि हम मजदूरों की भी चिंता करते हैं उनके भी न्याय के लिए योजना संचालित की जाएगी ।इस अवसर पर उन्होंने समस्त प्रदेशवासियों को महाशिवरात्रि की बधाई दीइस अवसर पर धर्मस्व मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि पहले केबिनेट की बैठक में ही राज्य की संस्कृति के अनुरुप राजिम कुंभ का नाम बदलकर पुन्नी मेला रखा गया। लोगों के सुझाव से इसे और बेहतर बनाया गया है। राज्य के विकास का पैमाना यहां की संस्कृति को आगे बढ़ाना है ।इसी आधार पर इस मेले का आयोजन किया गया। स्थानीय पंडित द्वारा आरती किया गया ।पुराना संस्कृति को उजागर किया गया है।उन्होंने स्थानीय मेला समिती व प्रशासन को मेला की सफलता के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के घोषणा के अनुरूप 54 एकड़ मेला स्थल का चयन किया गया है। आने वाले साल में मेला के किये आधारभूत सरंचना विकसित किया जाएगा , नए स्थल के लिए 6 लेन सड़क बनाने की तैयारी है। बताया कि, राजिम मेला के कार्यक्रम के सीधा प्रसारण को देश ही नही विदेशों से लाखों लोग देख रहे हैं। उन्होंने मेला से जुड़े अधिकारी , कर्मचारियों,मीडिया, साधु संतों , श्रद्धालुओं का आभार ब्यक्त किया ।
मंत्री श्री शिव डहरिया ने इस शानदार आयोजन की सफलता के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि मेले के मूल स्वरूप के कारण लोगों की भीड़ दिखाई दे रहा है। आज हम अपने संस्कृति की ओर वापस लौट रहे हैं।
समारोह में स्थानीय विधायक श्री अमितेश शुक्ल ने कहा कि मेला को वास्तविक रुप मे लाने का श्रेय मुख्यमंत्री को है। उन्होंने कहा कि मेला से उनका और परिवार का भावनात्मक लगाव है। मेला का आगामी साल में भव्य रूप से आयोजित होगा। लोगो के मंशानुरूप मेला के दौरान मांस और शराब की बिक्री बन्द करने मुख्यमंत्री से आग्रह किया।सिहावा विधायक डॉ लक्ष्मी ध्रुव ने कहा कि राज्य की संस्कृति के मुताबिक ही राज्य का विकास हो रहा है। आज गोधन न्याय योजना की चर्चा देश मे हो रही है। उन्होंने राज्य की कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी दी ।अभनपुर विधायक श्री धनेंद्र साहू ने कहा कि राज्य बनने के बाद पुनः राजिम की गरिमा लौटाने का काम किया गया है ।रामवनगम परिपथ का विकास राज्य की संस्कृति के अनुसार ही किया गया है। उन्होंने कहा कि राजिम आज अपने मूल स्वरूप में दिखाई दे रहा है । उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री को बधाई दिये।
गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष श्री राम सुंदर दास ने कहा कि राज्य सरकार की ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए नरवा, गरवा, गोठान और गोधन न्याय योजना आम जनता को भा गया। आज इस महती योजना की पूरे देश मे चर्चा है।कलेक्टर श्री नीलेश क्षीरसागर ने छत्तीसगढ़ी बोली में अपने प्रतिवेदन में बताया कि शासन द्वारा राजिम माघी मेले में आस्था, आध्यात्म और संस्कृति के संगम के साथ ही विविध मेले में प्रतिदिन छत्तीसगढ़ संस्कृति के कलाकारों का सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुतियां की गई, जिसमें प्रदेश के नामचीन कलाकारों ने गरिमामय प्रस्तुती दी। मेले में 14 शासकीय विभागों की प्रदर्शनी लगाई है, जिसमें जन कल्याणकारी योजनाओं का जीवंत प्रदर्शन किया गया है। नवीन स्थल में अधोसंरचना निर्माण के लिए 5 करोड़ रुपए की स्वीकृति के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। साथ ही नवीन मेला स्थल से 750 मीटर की दूरी तक पाथ वे का निर्माण किया जाएगा। । इस वर्ष मेले में स्वस्फूर्त साधु-संत और लगभग 1 लाख श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई और 10 लाख लोगों ने दर्शन किये। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष स्मृति ठाकुर, जनपद अध्यक्ष फिंगेश्वर पुष्पा साहू ,अभनपुर,देवनंदनी साहू, मगरलोड ज्योति दिवाकर , नगर पंचायत अध्यक्ष राजिम रेखा सोनकर, नवापारा धनराज मध्यानी एवं स्थानीय जनप्रतिनिधि मौजुद थे।