रायपुर। महज सालभर पहले मार्च का ही वह महीना था, जब कोरोना ने देश और फिर प्रदेश में दस्तक दी थी। तब से लेकर अब तक इस कोरोना की चपेट में लाखों लोग आ चुके हैं और सिलसिला अब भी जारी है। इनमें से 3900 के करीब लोगों की जान भी जा चुकी है। इस दरम्यान देश और प्रदेश को लाॅक डाउन का दर्द भी करीब चार महीनों तक बर्दाश्त करना पड़ा। पर जैसे ही अनलाॅक की प्रक्रिया शुरू हुई, कोरोना ने जिस तेजी से पैस पसारा किसी से भी नहीं छिपा है। एक बार फिर वही मार्च का महीना है, होली सामने है और कोरोना ने आतंक फैलाना शुरू कर दिया है।
पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र की हालत बदतर हो चुकी है, नागपुर जैसा महानगर लाॅक डाउन हो चुका है, तो आर्थिक राजधानी के कई हिस्सों को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है। इसी तरह के हालात मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल और आर्थिक राजधानी इंदौर का भी है, जहां पर लाॅक डाउन की तैयारी है और कभी भी आदेश जारी हो सकता है।
छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि वे लाॅक डाउन नहीं चाहते, लेकिन यदि हालात बिगड़े, तो उन्हें भी कड़ा फैसला लेते हुए लाॅक डाउन की तरफ बढ़ना पड़ सकता है। विदित है कि रायपुर में 67 दिन बाद कोरोना के 200 से अधिक मरीज मिलने के साथ ही संक्रमण तेज होने का खतरा बढ़ गया है। 5 जनवरी को 200 से अधिक केस मिले थे। उसके बाद लगातार संक्रमितों का आंकड़ा कम होता गया। मार्च के पहले हफ्ते से केस बढ़ने लगे। अब संख्या दो सौ के पार 206 पहुंच गई। हालांकि शनिवार को छुट्टी के दिन कम जांच होती है। इसके बावजूद इतने कोरोना पॉजिटिव मिलने से स्वास्थ्य और जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है।
पिछले दो महीने में संक्रमितों की संख्या 40-45 पहुंच गई थी। इस वजह से आम लोगों के साथ-साथ स्वास्थ्य और प्रशासनिक अमला भी सामान्य स्थिति में लौटने लगा था। पिछले 15 दिनों में केस अचानक बढ़ गए हैं। रायपुर में सबसे अधिक केस सिविल लाइंस, अमलीडीह, पंडरी, मोवा, शंकर नगर , गीतांजलि नगर, राजेंद्र नगर, शैलेंद्र नगर, पचपेड़ी नाका जैसे पॉश इलाकों में सामने आए हैं। इन इलाकों में 90 से ज्यादा संक्रमित मिले हैं। सबसे ज्यादा अमलीडीह में 14 संक्रमित हुए हैं। इसी इलाके के चार परिवारों में 8 पॉजिटिव निकले हैं। सिविल लाइंस में दो परिवारों में 5 से ज्यादा केस मिले हैं। शंकर नगर में भी 12 से अधिक केस मिले हैं। राजेंद्र नगर, पंडरी और मोवा में भी 10-10 से ज्यादा पॉजिटिव सामने आए हैं। ज्यादातर केस में परिवार में दो से अधिक सदस्य पॉजिटिव हुए हैं।