उत्तर प्रदेश के मेरठ स्थित पुलिस परिवार परामर्श केंद्र में तलाक की मांग वाले एक से बढ़कर एक दिलचस्प मामले सामने आते हैं. छोटी-छोटी बातों को लेकर तलाक मांगने और अन्य समस्याएं लेकर आने वाले जोड़ों की परिवार परामर्श केंद्र की तरफ से काउंसलिंग की जाती है. इस केंद्र के मुताबिक अब तक 2500 से 3000 पारिवारिक झगड़ों को सुलझाया जा चुका है.
दरअसल, इस केंद्र की प्रभारी और एसआई मोनिका जिंदल के मुताबिक सबसे पहली जरूरत पति और पत्नी की बातें धैर्य से सुनने की होती है. फिर उन्हें सारे पहलुओं और ऊंच-नीच के बारे में समझाया जाता है. ये सब उन्हें विश्वास में लेकर बहुत समझदारी से किया जाता है. हालांकि किसी भी पति-पत्नी की पहचान नहीं खोली जाती. लेकिन कुछ केस ऐसे होते हैं उसका कारण सार्वजनिक किया जा सकता है, लेकिन कुछ ऐसे भी संवेदनशील केस होते हैं, जिनका कारण भी किसी दूसरे के सामने नहीं खोला जाता.
मेरठ में परिवार परामर्श केंद्र की मोनिका जिंदल बीते ढाई साल से प्रभारी हैं. उनका कहना है कि पति पत्नी को अपनी बात कहने के लिए वक्त चाहिए होता है, जो हम उन्हें उपलब्ध कराते हैं. आइए जानते हैं ऐसे तीन मामलों के बारे में जहां तलाक की मांग के लिए अजब वजहें बताई गईं.
1. पति के पहले घुंघराले बाल थे, जो अब नहीं रहे, तलाक चाहिए: यह केस मेरठ के परिवार परामर्श केंद्र में पहुंचा. यहां शादी के एक साल बाद पत्नी को पता चलता है कि पति के जिन घुंघराले बालों से इंप्रेस होकर उसने शादी रचाई थी, वो बाल अब नही बचे. पत्नी ने यही वजह बताते हुए परिवार परामर्श केंद्र में अर्जी लगा दी. उसके मुताबिक जब रिश्ता तय किया गया उस समय पति के सिर पर काले घने घुंघराले बाल थे, उसकी पर्सनेल्टी को ही देखकर उसने शादी के लिए हां की थी.
पत्नी के मुताबिक शादी के कुछ समय बाद तक सब कुछ ठीक-ठाक चलता रहा. लेकिन फिर पति के सिर के बाल झड़ने शुरू हो गए और वो गंजा हो गया, इसलिए वो उसके साथ नहीं रह सकती इसलिए उसे तलाक दिलाया जाए. मामला परिवार परामर्श केंद्र पहुंचने के बाद दोनों की अच्छी तरह से काउंसलिंग की गई. नतीजा ये रहा कि दूसरी तारीख में ही दोनों में समझौता हो गया. समझौता होने के बाद पति पत्नी का कहना था कि उनका मुद्दा सुलझ गया है और अब इस बारे में वो और बात नहीं करना चाहते हैं.
2. पति साथ सेल्फी नहीं लेना चाहता, तलाक दिलवाओ: परिवार परामर्श केंद्र के पास एक और दिलचस्प मामला सामने आया. यहां पत्नी की शिकायत थी कि उसका पति उसके साथ सेल्फी नहीं लेता, इस वजह से वो नाराज है और पति से तलाक लेना चाहती है. दूसरी तरफ पति ने पत्नी के आरोप को गलत बताते हुए पत्नी के साथ अपनी कुछ सेल्फी परामर्श केंद्र की प्रभारी मोनिका जिंदल को दिखाईं. यहां भी पति-पत्नी की बात धैर्य से सुनने के बाद उनकी काउंसलिंग की गई. दोनों पति-पत्नी जल्दी ही साथ रहने को मान गए.
3. पति पहले बात सुनता था, शादी के बाद नहीं, तलाक चाहिए: मेरठ में परिवार परामर्श केंद्र पर एक और केस आया जिसमें पत्नी का कहना था कि उसकी पति के साथ लव मैरिज हुई और दोनों की एक बेटी भी है. पत्नी की शिकायत थी कि शादी से पहले पति उसकी सारी बातें सुनता था, मानता था लेकिन शादी के बाद उसका रवैया बदल गया और दोनों में झगड़े होना शुरू हो गया. इस केस में पति पत्नी की काउंसलिंग करने की अधिक जरूरत पड़ी. आखिर पति पत्नी समझौता करने को राजी हो गए. इसके बाद अब दोनों के परिवार भी बहुत खुश हैं.
परामर्श केंद्र की प्रभारी मोनिका जिंदल का कहना है कि पति-पत्नी का रिश्ता बहुत नाजुक होता है. ये दो पहियों की तरह होता है जिससे गृहस्थी की गाड़ी आगे चलती है. कोशिश यही रहती है कि मनोवैज्ञानिक ढंग से पति-पत्नी को सारे पहलुओं के बारे में समझाने की कोशिश की जाए. साथ ही ये भी समझाया जाता है कि दोनों एक दूसरे की बात को समझने की कोशिश करें.
मोनिका के मुताबिक अक्सर देखा जाता है कि नई जनरेशन में धैर्य और बर्दाश्त की कमी होने की वजह से छोटी छोटी बात भी झगड़े की वजह बन जाती है. कई बार आपस में बोलना भी बंद कर देते हैं. संयुक्त परिवार कम होते जाने की वजह से भी ये समस्या बढ़ जाती है. कोई बड़ा-बुजुर्ग समझाने वाला नहीं होता. कुछ ऐसा ही काम हम परिवार परामर्श केंद्र में करते हैं.उनकी काउंसलिंग से विवाद दूर करने की कोशिश की जाती है. पति-पत्नी के झगड़े सुलझाने का कोई सेट फॉर्मूला नहीं है, बस उनकी बातों को सुनकर ही बेहतर रास्ता निकाला जाता है. परिवार परामर्श केंद्र की प्रभारी मोनिका जिंदल ये भी कहती हैं कि जब किसी पति-पत्नी में वे समझौता कराने में कामयाब रहती हैं तो उन्हें दिली सुकून मिलता है.