रायपुर। पब्लिक सेक्टर की दो बैंकों के निजीकरण को लेकर देशभर के करीब 10 बैंक कर्मियों ने दो दिवसीय हड़ताल का ऐलान किया था, जो आज और कल जारी रहेगा। इससे पहले शनिवार और रविवार की वजह से बैंक दो दिनों तक पहले ही बंद थे। ऐसे में चार दिनों तक बैंकों का बंद रहना अर्थव्यवस्था को बुरी तरह से बिगाड़ सकता है। हालांकि इस बीच एटीएम सेवाओं को बहाल रखा जाएगा। यह हड़ताल यूएफबीयू के आह्वान पर किया गया है, जिनका विरोध पब्लिक सेक्टर के बैंकों के निजीकरण को लेकर है।
हालांकि इस हड़ताल से निजी बैंकों को कोई लेना-देना नहीं है, लिहाजा उनकी सेवाएं यथावत रहेंगी, लेकिन देश के कुल बैंकों के मुकाबले इनकी हिस्सेदारी महज एक तिहाई ही है, लिहाजा शासकीय बैंकों से संबंधित लोगों को दो दिनों तक बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
सरकार ने बजट में की थी 2 सरकारी बैंकों के विलय की घोषणा
बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपनी विनिवेश योजना के हिस्से के रूप में 2 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) और एक बीमा कंपनी के निजीकरण की घोषणा की थी। इसको लेकर पिछले दिनों चार बैंकों के नाम चर्चा में रहे, जिनमें इंडियन ओवरसीज बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, सेंट्रल बैंक और बैंक ऑफ इंडिया शामिल हैं। हालांकि, सरकार ने प्राइवेट होने जा रहे बैंकों के नाम स्पष्ट नहीं किए हैं।
इससे पहले सरकार ने 2019 में LIC में अपनी मल्टिपल हिस्सेदारी बेचकर IDBI बैंक का निजीकरण किया था। वहीं, पिछले चार सालों में 14 पब्लिक सेक्टर बैंकों का मर्जर किया है। पढ़िए पूरी खबर…
UFBU में शामिल 9 यूनियन
हड़ताल का नेतृत्व करने वाली UFBU संस्था 9 यूनियनों का लीड करती है। सदस्यों में ऑल इंडिया बैंक एम्प्लाइज एसोसिएशन (AIBEA), ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फेडरेशन (AIBOC), नेशनल कन्फेडरेशन ऑफ बैंक इम्प्लॉइज (NCBE), ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (AIBOA), बैंक एंप्लॉइज ऑफ इंडिया (BEFI), भारतीय राष्ट्रीय बैंक कर्मचारी महासंघ (INBEF), भारतीय राष्ट्रीय बैंक अधिकारी कांग्रेस (INBOC), नेशनल बैंक ऑफ बैंक वर्कर्स (NOBW) और नेशनल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ बैंक ऑफिसर्स (NOBO) शामिल हैं।