गरियाबंद जिले से एक बड़ी खबर निकलकर सामने आई है जिले के छुरा थाना क्षेत्र में कर्ज के दबाव के चलते एक ग्रामीण ने फांसी लगाकर जान दे दी। उसका शव जंगल में पेड़ से लटका मिला है। परिजनों का आरोप है कि बैंक कर्मी बकाया रकम के लिए लगातार दबाव बना रहे थे। ग्रामीण के खुदकुशी करने से एक दिन पहले भी बैंक कर्मियों ने घर आकर धमकी दी थी। फिलहाल सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव उतरवा कर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है। मामला छुरा थाना क्षेत्र का है। परिजनों का आरोप है कि बैंक कर्मी बकाया रकम के लिए लगातार दबाव बना रहे थे। ग्रामीण के खुदकुशी करने से एक दिन पहले भी बैंककर्मियों ने घर आकर धमकी दी थी।
मिली जानकारी के अनुसार मडेली गांव निवासी नेहरू लाल नंदे (35) JCB ड्राइवर था। उसने समूह के माध्यम से एक प्राइवेट बैंक से कर्ज लिया था, जिसे वह जमा नहीं कर पा रहा था। इसे लेकर बैंक की ओर से दबाव बनाया जा रहा था। एक दिन पहले भी बैंक कर्मी बकाया रकम के लिए उसके घर पहुंचे थे। अगले दिन नेहरू का शव बोइरगांव बांधा के पास जंगल मे एक पेड़ से लटका मिला। आशंका है कि उसने शाम को या फिर रात में खुदकुशी की है।
परिजनों का कहना है कि घटना के एक दिन पहले भी बैंक कर्मी कर्ज की बकाया रकम मांगने उनके घर आए थे। इस दौरान उन्होंने धमकाया भी था। हालांकि उस समय नेहरू घर में नहीं था। नेहरू की पत्नी और उसके दो बच्चे ही उस समय घर पर मौजूद थे। परिजनों के मुताबिक इस दौरान बैंक कर्मी देर रात घर से गए। अगली सुबह नेहरू की लाश पेड़ पर लटकी मिली। वहीं थाना प्रभारी संतोष भुआर्य का कहना है मामले की जांच की जा रही है।