यूं तो पूरे देश में नारी जगत बेरहम दरिंदों के अत्याचार से हलाकान हैं, लेकिन राजस्थान में दुष्कर्म अन्य राज्यों के मुकाबले ज्यादा सामने आ रहे हैं। हवस के अंधों को नन्हीं बच्चियों की मासूमियत पर रहम नहीं आता। ऐसा ही एक मामला राजस्थान के पिलानी थाना के अंतर्गत श्योराणों से सामने आया, जहां 19 फरवरी को महज 5 साल की मासूम से एक दरिंदे ने दुष्कर्म किया था। उस दरिंदे को कुछ ही घंटों में पुलिस ने इसलिए धर दबोचा था, क्योंकि उस मासूम के भाई-बहनों ने अपहरण होते देख लिया और पीछा किया था।
इस दरिंदगी को अंजाम देने वाले शाहपुर निवासी सुनील को अदालत ने सिर्फ 26 दिनों के भीतर फांसी की सजा सुना दी। पाॅस्को एक्ट के न्यायाधीश ने फैसला सुनाते हुए कहा कि ’’तुम्हारे भीतर पश्चाताप का एक अंश मात्र भी नजर नहीं आया, यदि दिख जाता तो सजा कुछ भी हो सकती थी’’।
पुलिस ने दिखाई गंभीरता
पांच साल की उस मासूम के अपहरण के बाद दुष्कर्म के मामले में झूंझूनु पुलिस ने गंभीरता दिखाई थी। महज पांच घंटों के भीतर जहां आरोपी दबोच लिया गया, तो अदालत में चालान दाखिल करने में भी कोई देरी नहीं की गई। वहीं 40 गवाहों को भी कोर्ट में पेश किया गया, जिसकी वजह से न्यायालय को फैसला सुनाने में ज्यादा वक्त नहीं लगा।
इसी सख्ती की जरुरत
राजस्थान के झूंझूनु में मासूम से हुए अनाचार को लेकर पुलिस ने जिस तरह की गंभीरता का परिचय दिया और न्यायालय ने कठोर निर्णय लिया, आज पूरे देश में ऐसी ही सख्ती की जरुरत है। दुष्कर्म के मामलों में रियायत की बजाए आरोपियों को जब सख्त सजा मिलेगी, तब जाकर इस घिनौने अपराध पर लगाम लगने की संभावना व्यक्त की जा सकती है।