बीते 15 दिनों के भीतर देश के विभिन्न राज्यों में कोरोना ने जिस गति को पकड़ा है, उसने फिर एक बाद देश को खौफजदा कर दिया है। पंजाब सरकार ने बेकाबू होते हालात को ध्यान में रखते हुए बोर्ड सहित तमाम परीक्षाओं को निरस्त करने का आदेश जारी कर दिया है। यहां पर बारहवीं की परीक्षाएं 22 मार्च से तो 10 वीं की 9 अप्रैल से शुरू होने वाली थी।
आज सामने आए ताजा आंकड़ों के बाद देश में मार्च 2020 की याद ताजा होने लगी है। यही वह समय था, जब देश बुरी तरह से कोरोना की चपेट में आया था। इसके बाद पीएम मोदी ने जनता कफ्र्यू का ऐलान किया था और फिर देश को लाॅक डाउन करने का सख्त निर्णय लेना पड़ा था। बिगड़ते हालात की वजह से एक बार फिर यह सवाल लोगों के मन में उठने लगा है कि क्या फिर से लाॅक डाउन का दंश बर्दाश्त करना पड़ सकता है ? तो सच्चाई यही है कि परिस्थितियां नियंत्रण से बाहर होती हैं, तो दूसरे देशों की तरह भारत भी एक बार फिर लाॅक डाउन होगा।
भारत में पिछले 24 घंटे में के 35,871 नए मामले आने के बाद कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या 1,14,74,605 हुई। 172 नई मौतों के बाद कुल मौतों की संख्या 1,59,216 हो गई है। देश में सक्रिय मामलों की कुल संख्या अब 2,52,364 है और डिस्चार्ज हुए मामलों की कुल संख्या 1,10,63,025 है।
बदतर स्थिति में महाराष्ट्र
महाराष्ट्र में कोरोना से सबसे ज्यादा हालात खराब नजर आ रहे हैं। राज्य सरकार ने लोगों से नियमों का सख्ती से पालन करने को कहा है। कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर पुणे, औरंगाबाद, नागपुर, अमरावती, परभणी सहित 10 जिलों में नाइट कर्फ्यू लगाने का काम किया गया है। इधर, बृहन्मुंबई नगर निगम ने स्कूलों को 17 मार्च से शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों की उपस्थिती को 50 फीसदी तक सीमित करने के आदेश दिये हैं। यही नहीं स्कूलों को वर्क फ्रॉम होम पैटर्न के तहत ई-लर्निंग और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है।