रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 21 मार्च को गोधन न्याय योजना की 15वीं और 16वीं किश्त के रूप में कुल 7 करोड़ 55 लाख रु की राशि का अंतरण पशुपालकों के खाते में करेंगे। इसमें से 15वीं किश्त के रूप में 3 करोड़ 75 लाख रु और 16वीं किश्त के रूप में 3 करोड़ 80 लाख रु का भुगतान किया जाएगा। इस राशि को मिलाकर गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को 21 मार्च तक भुगतान की जाने वाली राशि बढ़कर 88 करोड़ रु हो जाएगी।
उल्लेखनीय है कि 20 जुलाई 2020 को हरेली पर्व के अवसर पर पशुपालकों को अतिरिक्त आमदनी का जरिया उपलब्ध कराने के लिए 2 रु प्रति किलो की दर पर गोबर की खरीदी के लिए गोधन न्याय योजना की शुरूआत की गई है। इस योजना में गोबर विक्रय की राशि का पाक्षिक भुगतान किया जाता है। पशुपालकों से खरीदे जाने वाले गोबर से गौठानों में महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा वर्मी कम्पोस्ट तैयार किया जा रहा है। गौठानों में 15 मार्च तक 1 लाख 18 हजार 611 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन किया गया है, जिसमें से 83 हजार 900 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट का विक्रय भी किया जा चुका है। गोधन न्याय योजना के माध्यम से प्रदेश के 1 लाख 62 हजार 497 पशुपालक लाभान्वित हो रहे हैं। योजना के माध्यम से 70 हजार 299 भूमिहीन ग्रामीण लाभान्वित हो रहे हैं। गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों ने 44.55 प्रतिशत महिलाएं हैं। गौठानों में उत्पादित वर्मी कम्पोस्ट की गुणवत्ता नियंत्रण के लिए वर्मी कम्पोस्ट के नियमों का परीक्षण भी कराया जा रहा है। अब तक 3 हजार 184 नमूनों का परीक्षण किया जा चुका है।
गोधन न्याय योजना में अब तक पशुपालकों से 44 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की जा चुकी है। सुराजी गांव योजना के अंतर्गत प्रदेश में कुल 9 हजार 487 गौठान स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से 5 हजार 586 गौठान निर्मित किए जा चुके हैं तथा 2 हजार 772 गौठान निर्माणाधीन है। पिछले माह 324 गौठान निर्मित किए गए हैं। इसी तरह गौठानों में 85 हजार 503 वर्मी टांका स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से 15 मार्च तक 69 हजार 972 वर्मी टांको का निर्माण पूर्ण किया जा चुका है। राज्य में स्वावलंबी गौठानों की संख्या बढ़कर 387 हो गई है।