छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में पुलिस ने एक महिला डॉक्टर को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि महिला डॉक्टर ने दुष्कर्म पीड़िता नाबालिग का अबॉर्शन किया है। इसके बदले में डॉक्टर पर 4 लाख रुपए भी मांगने का आरोप है। खास बात यह है कि दुष्कर्म की शिकायत के लिए महिला डॉक्टर ही परिजनों को थाने लेकर गई थी। पुलिस इस मामले में दुष्कर्म के आरोपी को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। मामला सिटी कोतवाली क्षेत्र का है।
जानकारी के मुताबिक, 20 नवंबर को पेट दर्द होने पर परिजन नाबालिग को लेकर रायपुर के गोबरा नवापारा स्थित अंजली क्लीनिक पहुंचे थे। यहां पर महिला डॉक्टर कविता लाल ने परिजनों को नाबालिग के पेट में ट्यूमर होने की जानकारी दी थी। इलाज शुरू हुआ तो डॉक्टर ने गर्भवती होना बताया। आरोप है कि महिला डॉक्टर ने गर्भपात के लिए 4 लाख रुपए भी मांगे। इतनी बड़ी रकम परिजनों ने देने में असमर्थता जताई।
रायपुर पुलिस ने शून्य थ्प्त् दर्ज कर गरियाबंद भेजी
इसके बाद महिला डॉक्टर खुद ही पीड़िता और उसके परिजनों को लेकर गोबरा नवापारा थाने पहुंची और शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने शुन्य थ्प्त् दर्ज कर उसे गरियाबंद के पीपरछेड़ी थाने को भेज दिया। इसके बाद SP भोजराज पटेल ने जांच की जिम्मेदारी सिटी कोतवाली प्रभारी वेदवती दरियो को सौंप दी। कोतवाली प्रभारी वेदवती दरियो ने बताया कि पूछताछ और 164 में दर्ज बयान महिला डॉक्टर को गर्भपात का दोषी पाया गया है।
अस्पताल में भर्ती होने के दो-तीन दिन में ही हो गया था गर्भपात
एडिशनल SP सुखनंदन राठौर ने बताया कि नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को करीब महीने भर पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था। पूछताछ में नाबालिग के परिजनों ने डॉक्टर पर मोटी रकम मांगने का आरोप भी लगाया। उन्होंने बताया कि आरोपी डॉक्टर के अस्पताल में भर्ती होने के दो से तीन दिन बाद ही नाबालिग का गर्भपात हो गया था। फिलहाल महिला डॉक्टर को गिरफ्तार कर रायपुर जेल भेज दिया गया है।