उत्तर प्रदेश मेरठ में 10 अप्रैल 2006 में हुए विक्टोरिया पार्क अग्निकांड में 67 लोग जिंदा जल गए थे. वहीं, सैकड़ों लोग इस हादसे में झुलस गए थे. इसी कड़ी में पुलिस को एक हत्यारोपी के मरने की खबर मिली थी. साथ ही पुलिस को आरोपी का डेथ सर्टिफिकेट भी प्राप्त हुआ था लेकिन 15 साल के बाद जब मामले का खुलासा हुआ तो पुलिस के होश उड़ गए.
पुलिस के मुताबिक, हमें हत्यारोपी का डेथ सर्टिफिकेट मिला था जिसमें लिखा था कि अनिराज सिंह नाम के शख्स की मौत हो चुकी है. लेकिन गुरुवार को बुलंदशहर पुलिस ने आरोपी को जिंदा दबोच लिया. जब पुलिस ने कड़ी पूछताछ की तो पूरे मामले का खुलासा हुआ. आरोपी ने बताया कि हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट से उसे उम्र कैद की सजा सुनाई थी. इसके बाद सजा से बचने के लिए उसने फर्जी डेथ सर्टिफिकेट लगाकर खुद को मृतक दिखा दिया था.
पुलिस के मुताबिक, विक्टोरिया पार्क अग्निकांड में खुद को मृतक दिखाकर आरोपी 15 साल तक भागता रहा. अनिराज के परिजनों ने 2006 में पुलिस को उसकी मौत का डेथ सर्टिफिकेट दे दिया था. बताया कि अनिराज की मौत विक्टोरिया पार्क अग्निकांड में हो गई है. इसके बाद पुलिस ने रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को भेज दी थी.
पिछले साल पता चला जीवित है अनिराज
2020 में अनिराज के परिजनों ने सूचना दी कि अनिराज जीवित है. आरोप की पुष्टि होने पर सरधना थाने में आरोपी पर फर्जी कागजात तैयार कराने के मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया गया. साथ ही पुलिस ने पुलिस ने अनिराज पर 20 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था.
16 साल से कर रहा था गार्ड की नौकरी
बुलंदशहर पुलिस की टीम ने अनिराज को गुरुवार को कस्बा स्याना से गिरफ्तार कर लिया. उसके पास से एक तमंचा, जिंदा कारतूस बरामद हुआ है. पूछताछ में पता चला कि उम्र कैद से बचने के लिए उसने फर्जी डेथ सर्टिफिकेट बनवाया था. फिलहाल पत्नी और बच्चों सहित उत्तराखंड के रुद्रपुर में रहकर सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी कर रहा था. 16 साल तक वह गुरुग्राम नोएडा मेरठ और रुद्रपुर में गार्ड की नौकरी कर रहा था.
डेट सर्टिफिकेट के बाद तलाशी बंद
वर्ष 2004 में अनिराज कुछ दिनों की पैरोल पर जेल से बाहर आया था. निर्धारित दिन बीतने के बावजूद जब वह जेल नहीं पहुंचा तो पुलिस ने तलाश शुरू की लेकिन अनिराज नहीं मिला. अनिराज के परिजनों ने उसका डेथ सर्टिफिकेट अधिवक्ता के जरिए कोर्ट में लगाया. इस आधार पर पुलिस ने अनिराज की तलाशी बंद कर दी.
इंडस्ट्रीज एरिया में छिपता था
उम्र कैद और पुलिस से बचने के लिए अनिराज सिंह ने अपना नाम और हुलिया बदल लिया. 16 साल फरारी के दौरान वह गुरुग्राम, नोएडा, मेरठ, रुद्रपुर आदि स्थानों पर रहने के लिए इंडस्ट्रीज एरिया चुनता था ताकि उससे कोई तलाश न पाए. आरोपी ने ज्यादातर जगहों पर सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी की.
आईजी प्रवीण कुमार ने बताया कि खुद को मृतक दिखाकर 15 साल तक हत्यारा अनिराज सिंह एक फोटो से पकड़ में आया. 2 साल पहले वह भांजे का भात देकर गढ़मुक्तेश्वर क्षेत्र के एक गांव में गया था. वहां फोटो सेशन हुआ. यह फोटो व्हाट्सऐप पर वायरल हुआ. महावीरपुर गांव के कुछ लोगों ने फोटो देखकर अनिराज को पहचान लिया. उसके बाद उसकी तलाश शुरू हुई.