पंजाब के तरनतारन में रविवार को बदमाशों और पुलिस के बीच खूनी टकराव की घटना सामने आई है। पुलिस को महाराष्ट्र के नांदेड़ स्थित तख्त श्री हुजूर साहिब पर एक बाबा की हत्या के दो वांछित आरोपियों के यहां छुपने की जानकारी मिली थी। महाराष्ट्र पुलिस की सूचना पर स्थानीय पुलिस आरोपियों काे गिरफ्तार करने पहुंची तो आरोपियों ने पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया। हमले में एक थाना प्रभारी की कलाई कटकर अलग हो गई, वहीं दूसरे की कलाई पर भी गंभीर चोटें आई हैं। जवाबी कार्रवाई में पुलिस बल ने दोनों कथित निहंग बदमाशों को मौके पर ही ढेर कर दिया।
एनकाउंटर में मारे गए दोनों निहंगों की पहचान महताब सिंह और गुरदेव सिंह के रूप में हुई है। नांदेड़ साहिब में बाबा संतोख सिंह की हत्या करने के बाद ये दोनों फरार थे। वहां मुकदमा नंबर 84 में दर्ज नामजदगी के बाद तफतीश में जुटी पुलिस को इन दोनों की लोकेशन पंजाब के तरनतारन जिले में सिंहपुरा के पास मिली। इसके बाद वहां की पुलिस ने तरनतारन पुलिस से संपर्क बनाया। इसी बीच गांव छिछरेवाल में 10 दिन पहले हुई थाना भिखीविंड के हेड कान्स्टेबल सरबजीत सिंह की मौत के बाद आज भोग की रस्म चल रही थी। यहीं इन बदमाशों के होने की जानकारी मिली थी।
जब थाना वल्टोहा के प्रभारी इंस्पेक्टर बलविंदर सिंह और खेमकरण के प्रभारी सब इंस्पेक्टर नरिंदर सिंह गांव सिंहपुरा पहुंचे तो निहंग सिंहों के कपड़े पहने कुछ आरोपियों ने तेजधार हथियारों से दोनों पुलिस अधिकारियों पर हमला कर दिया। इसके बाद इलाके की बड़े स्तर पर घेराबंदी की गई। इस दौरान आरोपियों ने पुलिस पार्टी पर बार-बार हमले किए, जिसमें तेजधार हथियारों से दोनों अधिकारी गंभीर घायल हो गए। उन्हें एंबुलेंस से अस्पताल भेजा गया। जवाबी कार्रवाई में दोनों आरोपी ढेर कर दिए गए। हालांकि मरने वालों की अभी तक पहचान नहीं हो पाई। SSP ध्रुमन एच निंबाले, SP डॉ. महताब सिंह, जगजीत सिंह वालिया समेत वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी मौके पर पहुंचे।
पटियाला में निहंग ने काट दिया था ASI हरजीत सिंह का हाथ
12 मई 2020 को पटियाला में भी इसी तरह का मामला सामने आया था। यहां कोरोना प्रोटोकॉल की ड्यूटी निभा रहे पंजाब पुलिस के ASI हरजीत सिंह पर निहंगों ने तलवार से हमला कर दिया था। इसमें उनकी कलाई कटकर अलग हो गई थी। हरजीत खुद कटा हुआ हाथ लेकर स्कूटर पर सवार होकर अस्पताल पहुंचे थे। बाद में घंटों की कड़ी मशक्कत के चंडीगढ़ PGIMER में उनकी सफल सर्जरी हुई तो एक सप्ताह बाद वह डिस्चार्ज हो पाए थे।