बेमेतरा/साजा:- जनपद पंचायत साजा के अधिकारी कर्मचारी और पदाधिकारी खुलकर फर्जी शिक्षाकर्मियों को बचाने में लगे हुए थे,इसके लिए जितना भी नीचे उतरकर कृत्य करना पड़े कभी पीछे नही रहे,रिस्पॉन्डिंग पर्सन होने के नाते सीईओ साजा ने कोर्ट में सही तथ्यों को नही रखा,सामान्य प्रशासन के सदस्यों ने भी विधि विरुद्ध प्रस्ताव पारित कर एक तरह फर्जीयो के पक्ष में ही काम किये, 2005 से अंतिम भर्ती 2012 तक जितनी भी भर्ती हुई है सब मे फर्जी नियुक्ति हुई है जिसमे सबसे चर्चित मामला भर्ती वर्ष 2007 का रहा है ,जिसमे 80 प्रतिशत लोगो की नियुक्ति फर्जी प्रमाण पत्रों से हुई है जिसकी जांच 2008 से अब तक हो रही है,जिस प्रकारकी कार्यवाही इनके द्वारा अब तक की गई है परिणाम शून्य ही रहा है, फर्जीयो को बचाने की साजिस तो 2008 से ही चल रही थी,लेकिन दो वर्ष पूर्व कलेक्टर कार्तिकेय गोयल के सख्त निर्देश पर बमुश्किल एफआईआर होने के बाद से जनपद और थाना की साजिस और बढ़ गई,सजिसो के कारनामे तो कई है,लेकिन सबसे बड़ी साजिस नियुक्ति से सम्बंधित मूल अभिलेखों का जनपद द्वारा गायब या नष्ट करना है,जिसकी शिकायत अलग से कलेक्टर बेमेतरा के पास की गई है,घटनाक्रमों को देखने से तो ऐसा प्रतीत होता है कि इसमे सीधे सीधे पुलिस थाना साजा का शह मिला हुवा है, वो अपनी कानूनी जिम्मेदारी ठीक से नही निभा पा रहे है,और न ही जनपद इस पर कोई कार्यवाही कर रही है, जिससे फर्जीयो को बचाने एक बड़ी साजिस होने की संभावनाओं से इनकार नही किया जा सकता,
जनपद द्वारा प्रस्तुत कूटरचित दस्तावेजो को थाना प्रभारी द्वारा न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी न्यायालय साजा में प्रस्तुत किया गया है आगे चलकर आरोपियों को इसकी लाभ मिलने की संभावना है,थाना प्रभारी ने जनपद द्वारा जो दस्तावेजो को प्रस्तुत किया उसे ही मैं प्रस्तुत किया हूँ यह कहकर थाना प्रभारी साजा अपने जिम्मेदारियों से बच नही सकते।
शिकायत कर्ता नारद सिंह राजपूत का ये है कहना
जिनके विरुद्ध एफआईआर हुई है उनमें से अधिकांश का पूर्व में मैं शिकायत कर्ता रहा हूं,मेरे ही शिकायत के आधार पर फर्जी शिक्षाकर्मियों को कारण बताओ नोटिस जारी हुवा,बाद में जनपद द्वारा जांच की दिशा को भटकाकर मुझे जानबूझकर स्वतंत्र गवाही बनने से रोक दिया गया,जनपद औऱ थाना द्वारा की गई साजिस की शिकायत एक माह पूर्व विधि विधायी मंत्रालय एवं अन्य जिम्मेदार लोगों के समक्ष किया हूँ साथ ही विधि विधायी मंत्रालय में इस मामले में स्वतंत्र गवाह बनने और सीईओ और थाना प्रभारी के विरुद्ध अभियोजन चलाने अनुमति हेतु निवेदन आवेंदन लगाया हूँ।