महिला की प्रसव वेदना की वीडियो बनाना कानूनन अपराध है। लेकिन उतई के महिमा अस्पताल ने इस घृणित कार्य को अंजाम दिया है। जब एक भाई ने इस घटना को लेकर जिलाधीश, एसपी और मुख्य चिकित्सालय अधिकारी को ज्ञापन सौप जांच की मांग की तो उसे धमकी भी मिली। उतई क्षेत्र में संचालित महिमा हास्पिटल में 21 जनवरी को उतई के इंदिरा नगर निवासी धात्री साहू महिला प्रसव पीड़ा में डिलवरी कराने पहुंची। अस्पताल ने महिला की डिलिवरी लेबर रूम की जगह ड्रेसिंग रूम में करवाई। ड्रेसिंग रूम में कैमरा लगा हुआ था। महिला की प्रसव वेदना और होने वाली डिलिवरी की वीडियो बनाकर महिमा अस्पताल का संचालक टी.आर यादव अपनी गलती पर पर्दा डालने की कोशिश करने लगा । इसके बाद उसने पीड़ित को शिकायत ना करने की बात कही। डॉक्टर मरीजों का ईलाज करने की बजाय उनकी डिलिवरी का वीडियो बनाने वाले टीआर यादव को ड्रेसिंग रूम और लेबर रूम में कैमरा लगाने की अनुमति किसने प्रदान की। यह भी एक जांच का विषय है। तोयेश के आवेदन पर उतई थाने की पुलिस जांच में पहुंची तो वहां पर पुलिस को गुमराह करने के लिए उसने कहा कि कैमरा तो लगा है लेकिन बंद है।
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कवरेज के दौरान ग्रैंड न्यूज की टीम पर हमला
इस खबर की सच्चाई जानने के लिए जब ग्रैंड न्यूज की टीम मौके पर पहुंची और डॉक्टर का पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने मिलने तक का समय नहीं दिया। उल्टा पीड़ित को फोन पर धमकियां मिलने लगी कि वो मामले को ज्यादा तूल ना दें। इस बात को लेकर ग्रैंड न्यूज की टीम अस्पताल प्रबंधन के पास बात करने के लिए पहुंची लेकिन वहां भी सिवा धमकी के कुछ नहीं मिला। इसके बाद हमने पूरे मामले को जनता के बीच लाने के लिए खबर चलाई। खबर चलने के दौरान अस्पताल संचालक ने अपने गुंडों को भेजकर हमारी टीम के साथ मारपीट की। हमारी टीम जिस मोबाइल से लाइव कर रही थी उसे मौके पर तोड़ दिया गया। यही नहीं हमारी टीम को जान से मारने की धमकी दी गई। आनन-फानन में हमारी टीम ने मौके से निकलकर उतई थाने पहुंची जहां पर मौके पर कोई भी अधिकारी नहीं मिला।लिहाजा शिकायत दर्ज नहीं हो पाई है।
कैसे मामले को लेकर की गई पड़ताल?
इस मामले को लेकर ग्रैड न्यूज की टीम जब महिमा अस्पताल पहुंची तो ड़ॉक्टर टीआर यादव नदारत थे। वही ड्रेसिंग रूम और लेबर रूम की जब छानबीन की तो ड्रेसिंग रूम में कैमरे की जगह बल्ब लगाने का होल्डर लगा दिया गया था। वही लेबर रूम में लगे हुए सीसीटीवी कैमरे को निकाल दिया गया था। लेकिन टीआर यादव ने कैमरा तो निकाला और कैमरे की वायर निकालना भूल गया। जो कि कटी हुई अवस्था में दीवाल पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही थी। सीसीटीवी के मामले को लेकर जिला चिकित्सालय में तैनात मुख्य चिकित्सा अधिकारी का कहना था । लेबर रूम और ड्रेसिंग रूम में कैमरा लगाना कानूनी अपराध है। यदि यह सही पाया गया तो नर्सिंग होम का लायसेंस रद्द हो सकता है और आरोपी को जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है। महिला की प्रसव पीड़ा का वीडियों बना उसे विदेशी साईट में अपलोड करने का अन्य राज्यों में कई मामले सामने आये है। जिससे एक मोटी रकम वसूली जाती है। एक मामला राजनांदगांव का भी सुर्खियों में रहा। सबसे ज्यादा सोचनीय पहलु यह है कि किसी भी महिला की प्रसव वेदना का वीडियो बनाना और उसे बेचना धरती का भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर को शोभा नहीं देता एक भाई ने सिर्फ अपनी बहन को लेकर नहीं बल्कि उन सभी महिलाओं के लिए आवाज उठायी है ताकि उन्हें कभी भी शर्मिंदगी का सामना ना करना पड़े।