रचनाकार ने कविता के माध्यम से बेटियों की विशेषताओं को प्रदर्शित किया है। मधुकर की कलम से
कविता— “बेटियां”
सहज,सरल व मिलनसार होती हैं,
माता-पिता के जीवन का आधार होती हैं बेटियां।
जगत में परियों का रूप होती हैं,
धैर्य व अनुशासन से परिपूर्ण होती हैं बेटियां।
सर्दी के मौसम में सुहानी धूप होती हैं,
गर्मी के दिनों में रूमानी छांव होती हैं बेटियां।
शिक्षा के महत्व को बखूबी समझती हैं,
परिवार का नाम रोशन करती हैं बेटियां।
अतिथियों का भरपूर सम्मान करती हैं,
सच कहें तो रिश्तों की जान होती हैं बेटियां।
पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलती हैं,
उनसे कहीं ज्यादा अच्छा काम करती हैं बेटियां।
अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाती हैं,
बस,ट्रेन व फाइटर प्लेन चलाती हैं बेटियां।
आत्मविश्वास से लबरेज होती हैं,
परिवार की हर एक बाधा हरती हैं बेटियां।
और कितने उदाहरण दूं आप पर बेटियां,
विशाल ग्रन्थ के शब्द भी कम पड़ेंगे बेटियां।
के पी मधुकर
एम.ए. हिंदी, एम. लिब,