देश के कई राज्यों में कोरोना की दूसरी लहर घातक परिणाम के साथ सामने आ रही है। महाराष्ट्र, केरल, गुजरात के बाद छत्तीसगढ़ के अलावा मध्यप्रदेश और राजस्थान भी कोरोना की चपेट में हैं। देश के साथ राज्यों की सरकार को अब फिर से लाॅक डाउन पर विचार करना पड़ रहा है। महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में लाॅक डाउन पर निर्णय भी हो चुका है, तो छत्तीसगढ़ में भी गहन मंथन चल रहा है। ठीक इसी तरह राजस्थान की परिस्थितियां हैं, जिसकी वजह से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को प्रदेश की जनता को बार-बार हिदायत भी देना पड़ रहा है। सीएम गहलोत ने बेहद साफ शब्दों में कहा है कि लाॅक डाउन आजीविका के लिए घातक है, लेकिन हालात को देखते हुए कड़ा फैसला लेते हुए लाॅक डाउन लगाना पड़ सकता है।
गहलोत ने कहा- बेंगलुरु के डॉक्टर देवी शेट्टी की यह राय उचित लगती है कि 24 से 45 साल के लोगों का भी जल्द टीकाकरण करना चाहिए, क्योंकि ये लोग अपने काम से घरों से बाहर रहते हैं और सुपर स्प्रेडर बन सकते हैं। भारत के पास बड़ी संख्या में वैक्सीन उत्पादन की क्षमता भी उपलब्ध है जिसका इस्तेमाल होना चाहिए।
गहलोत ने लिखा- मैं केंद्र से अपील करता हूं कि राज्यों को अधिक से अधिक संख्या में वैक्सीन उपलब्ध करवाएं। जिससे कोरोना संक्रमण की इस दूसरी लहर पर काबू पाया जा सके। कोरोना के मामले बढ़ने पर एक और लॉकडाउन आजीविका के लिए घातक साबित होगा। अगर समय रहते कोराेना की दूसरी लहर पर काबू नहीं पाया गया तो लॉकडाउन लगाना पड़ेगा। जो आम आदमी की आजीविका के लिए बहुत ज्यादा घातक हो सकता है।
मैं भारत सरकार से अपील करता हूं कि राज्यों को अधिक से अधिक संख्या में वैक्सीन उपलब्ध करवाएं जिससे कोरोना संक्रमण की इस दूसरी लहर पर काबू पाया जा सके। कोरोना के मामले बढ़ने पर एक और लॉकडाउन आजीविका के लिए घातक साबित होगा।
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— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) March 23, 2021