वन अधिकार अधिनियम पेसा अधिनियम एवं अनुसूचित क्षेत्र में भूमि संबंधी
प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन
कांकेर – वन अधिकार पेसा अधिनियम एवं अनुसूचित क्षेत्र के भूमि संबंधी प्रावधान के तहत संबंध में जिला कार्यालय के सभाकक्ष में संचालक आदिमजाति कल्याण विभाग अनुसंधान तथा प्रशिक्षण संस्थान के तत्वाधान में कार्यशाला सह प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। कार्यशाला में उप संचालक जी.आर. शोरी टीआरआई एवं वन अधिकार विशेषज्ञ मनोहर चैहान, पेसा अधिनियम विशेषज्ञ अश्वनी कांगे के द्वारा जनजातियों की सुरक्षा संबंधी संविधान में उल्लेखित अधिकारों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। कार्यशाला में मास्टर ट्रेनर्स मनोहर चैहान द्वारा वन अधिकार अधिनियम संबंधी प्रशिक्षण दिया गया तथा पेसा अधिनियम एवं अनुसूचित क्षेत्र में भूमि क्रय-विक्रय की धारा 170(क),(ख) के संबंध में कार्यशाला में उपस्थित जनप्रतिनिधियों, समाज प्रमुखों, वन विभाग, राजस्व विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों को अवगत कराया गया।
02 अक्टूबर 1959 से प्रारंभ होने वाली भू-राजस्व संहिता तृतीय संशोधन 176 के प्रारंभ होने की तारीख से समाप्त होने वाली कालावधि के दौरान किसी भी समय धारा-169 के अधीन मौरूमी कृषक के अधिकार की अधीन भूमि स्वामी के अधिकार संबंधी जानकारी दी गई। उपखण्ड अधिकार अंतरण के ऐसे समस्त संव्यवहारों के बारे में ऐसी जांच करेगा, जैसे कि अवश्यकता समझी जाये और यदि इस निष्कर्ष पर पहंुचता है कि आदिम जनजाति के सदस्य को उसके विधि के समस्त अधिकार से कपट वंचित किया है तो वह उस संव्यवहार को अकृत कर शून्य घोषित कर सकेगा। उपस्थित जनप्रतिधि और समाज प्रमुखों ने रेत और मुरूम खनन से होने वाली आय के संबंध में विभागीय अधिकारियों से जानकारी पूछा गया। प्रशिक्षण सह कार्यशाला में अपर कलेक्टर सुरेन्द्र प्रसाद वैद्य, उपायुक्त आदिवासी विकास विभाग माखनसिंह ध्रुव, एसडीएम उमाशंकर बंदे, वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी, जिला एवं अनुविभाग स्तरीय वन अधिकार समिति, के सदस्य, जनपद सीईओ, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, मण्डल संयोजक, सरपंच एवं समाज प्रमुख सहित मास्टर ट्रेनर्स उपस्थित थे।