जिंदगी के बाद मौत…और मौत के बाद क्या। इस बात को लेकर कई तरह की बातें हम सब के सामने आती हैं। आत्माएं होती है।भूत होते है। राक्षस,पिशाच,शैतान,जिन्न और ना जाने क्या-क्या। बहुत सी बातें हैं जो लोग मानते हैं और कुछ इसे सिर्फ वहम करार देकर अपनी बात सभी के सामने रखते हैं। लेकिन आज जो खबर हम आपको बताने जा रहे हैं उस पर यकीन कर पाना थोड़ा मुश्किल हैं। क्योंकि हमारी दुनिया में कई किताबें भगवान, देवता और अच्छी शक्तियों के बारे में छापी गई हैं। कई वेद लिखे गए पुराणों का जिक्र हुआ। आज भी कई मंदिरों में पुरातन शैलियों और लिपियों में ग्रंथ मौजूद हैं। लेकिन इसी दुनिया में हमारे बीच एक किताब ऐसी है जिसे खुद शैतान ने लिखा है। आप शायद इस बात में यकीन ना करें। हम भी ऐसी बातों को बढ़ावा नहीं देते हैं। लेकिन जिस किताब का हम जिक्र कर रहे हैं वो अपने आप में रहस्य है । क्योंकि इस किताब को जिसने भी पढ़ा वो पागल हो गया। इस किताब को खोलते ही पढ़ने वाले शख्स की जिंदगी नर्क हो गई। यही नहीं कुछ लोगों ने तो ये तक कहा कि जो भी शब्द इस किताब में लिखे थे वो आसमान में तैरने लगे औऱ उनमे से अंगार निकलने लगा। ये सुनने में अजीब लगता है लेकिन ये कोई कहानी नहीं बल्कि उन लोगो की आप बीती है जिन्होंने इस किताब को पढ़ने की कोशिश की गई।
आखिर क्या है इस किताब में जो इतना खतरनाक है।
इस किताब की हकीकत जानने के लिए आपको हम लेकर चलते हैं आज से तीन सौ साल पहले । जगह है चेकोस्लोवाकिया जिसे लोग चेक रिपब्लिक के नाम से भी जानते थे। इस जगह पर एक प्रसिद्ध मठ हुआ करता था। इस मठ में एक पुजारी था। जिसे मठ के नियमों का पालन नहीं करने के लिए सजा मिली। दरअसल ये पुजारी तंत्र विद्या में माहिर था। लेकिन ये आए दिन मठ के उसूलों को तोड़ा करता था। काफी समझाने के बाद भी ये पुजारी अपनी हरकतों से बाज नहीं आया। लिहाजा मठ के दूसरे पुजारियों ने इस बात की शिकायत राज दरबार में कर दी। जिस राज दरबार में शिकायक की गई वहां का राजा धर्म के काम में लापरवाही बरतने वालों को सिर्फ एक ही सजा देता था और वो सजा थी मौत। पुजारी को जरा भी अहसास नहीं था कि उसके साथ ऐसा कुछ होगा। लेकिन राजा के दरबार में जुर्मों की एक ही सजा थी । लिहाजा राजा ने पुजारी को सजा-ए-मौत की सजा सुना दी। इस सजा को सुनते ही पुजारी बौखला गया उसके कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि वो क्या करे। मौत सामने खड़ी थी वो भी उस जुर्म के लिए जो पुजारी की नजर में आजादी से किया गया काम था। तभी पुजारी ने वो फैसला लिया जिससे उसकी जान बच सकती थी।
पुजारी ने राजा के सामने एक शर्त रखी जिसे पूरा करने के बाद उसे मिलता जीवनदान
पुजारी ने राजा के सामने अजीबो-गरीब शर्त रखी। पुजारी ने राजा से कहा कि महानुभाव मेरे कारण धर्म के काम में बाधा उत्पन्न हुई है। मैं अपराधी हूं।आपने जो मुझे सजा दी है वो सही है। लेकिन मुझे मेरी गलती सुधारने का एक मौका दीजिए। पुजारी ने राजा से कहा कि महोदय यदि आप मेरा जीवन बख्श दें तो मैं अपने इन्हीं हाथों से एक ऐसे ग्रंथ की रचना करुंगा जो आने वाली सदियों तक ईश्वर के किए गए कामों को रोशनी की तरह प्रकाशित करेगी। इस ग्रंथ से ईश्वर के साथ-साथ आपकी छवि भी पूरे विश्व में प्रकाशित होगी। राजा पुजारी की बातों से प्रभावित हुआ और कहा कि हम तुम्हें आखिरी मौका देना चाहते हैं। लेकिन राजा ने भी पुजारी के सामने एक शर्त रखी ।
राजा ने जीवनदान के लिए जो शर्त रखी, वो भी अपने आप में अनोखी थी।
एक तरफ पुजारी था जिसने अपनी जिंदगी बचाने के लिए उस ग्रंथ की रचना करने की बात सामने रखी जो राजा के दिल में घर कर गई । लेकिन राजा ने जो शर्त पुजारी के सामने रखी उसे सुनकर आपको लगेगा कि राजा को किताब से ज्यादा पुजारी की जान लेने में दिलचस्पी थी। फिर भी राजा ने कहा कि वो पुजारी की जान बख्श देंगे यदि वो उस किताब को जैसा उसने कहा है उसे एक रात के अंदर ही पूरी कर दें। यदि सूरज उगने के बाद तक किताब पूरी नहीं हुई तो पुजारी को उसी वक्त मौत के घाट उतार दिया जाएगा। इस शर्त के साथ राजा ने सभा को बर्खास्त किया ।
क्यॉ एक रात में पूरी हो पाई किताब ?
पुजारी को किताब लिखने के लिए एक जगह दी गई। किताब लिखने लगा। लेकिन चौथे पहर में उसे लगा कि वो इस किताब को पूरी नहीं कर पाएगा। लिहाजा उसने एक बड़ा फैसला लिया। पुजारी ने शैतान की आराधना की। शैतान पुजारी के सामने हाजिर हुआ। शैतान के पास पुजारी गया और उसके पैरों पर गिर गया। पुजारी ने शैतान से डील की। पुजारी ने शैतान से कहा कि उसे सजा-ए-मौत मिली है। लेकिन यदि वो उसकी ख्वाहिश पूरी कर दें तो अपनी आत्मा शैतान को सौंप देगा। डील अच्छी थी। शैतान को एक पवित्र आत्मा में कब्जा करने का मौका मिलने वाला था । लेकिन आत्मा लेने से पहले शैतान को भी वही करना था जो राजा ने पुजारी से कहा था। पुजारी ने शैतान से कहा कि वो उसके लिए एक किताब लिखे यदि वो किताब रात भर में पूरी हो जाएगी तो सुबह की पहली किरण के साथ ही वो खुद की आत्मा शैतान के हवाले कर देगा। शैतान ने पुजारी से कहा कि वो आंखें बंद करके आराम करे और सुबह तक इंतजार करे।
अगली सुबह उठते ही पुजारी की आंखें फटी रह गई
सूरज की पहली किरण जैसे ही महल के चार दिवारी पर पड़ी पुजारी की नींद टूट गई। पुजारी ने देखा कि एक बड़ी सी किताब उसके सामने रखी है। इस किताब का वजन इतना ज्यादा था कि वो उससे हिल भी नहीं पाई।किताब काफी मोटी थी। यानी शर्त के मुताबिक शैतान ने वो किताब एक रात के भीतर लिख दी थी। अब बारी पुजारी की थी। लिहाजा शैतान ने किताब देकर पुजारी की आत्मा अपने कब्जे में ली और वहां से चला गया ।
क्या था उस किताब में और क्यों आज भी है वो किताब बड़ी पहेली ?
इस किताब की खास बात ये है की यह कागज के पन्नों पर नहीं बल्कि चमड़े के पन्नों पर लिखी गई है। शैतानी किताब में कुल 160 पन्ने मौजूद हैं और इस शैतानी किताब का वजन ८५ किलो है जिसे उठाने में 2 लोगों की आवश्यकता पढती है, यह फिलहाल स्वीडन के पुस्तकालय में सुरक्षित है ।यह किताब शैतानी किताब (DEVIL BIBLE) इसलिए भी मानी जाती है क्योंकि इसके पहले ही पन्ने पर शैतान का चित्र बना हुआ है।इस किताब को जिसने भी लिखा है उसने इसके 160 पन्ने मात्र एक दिन में पूरे कर दिए थे।जिन 160 पन्नों पर शैतानी किताब लिखी गई थी। उसके लिए गधे की 160 चमड़ियों का इस्तेमाल किया गया था। इस किताब में शैतान से जुड़ी सारी बातें लिखी गई है। इसमें शैतान का बखान किया गया है। इसलिए इसे डेविल्स बाइबिल के नाम से भी जाना जाता है। हालांकि पूरी दुनिया में इस रहस्यमय शैतानी किताब को ‘कोडेक्स गिगास’ के नाम से भी जाना जाता है। इस किताब को दुनिया की सबसे खतरनाक किताब भी माना जाता है, क्योंकि इसके बारे में आज तक ये पता नहीं चल पाया है कि इसे किसने लिखा है और क्यों लिखा है।
शोधकर्ताओं ने कहानी को नाकारा
लेकिन वैज्ञानिकों की माने तो प्राचीन समय में ऐसी किताब को एक दिन में लिखना नामुमकिन है. शोधकर्ताओं का कहना है की चीन समय के तरीकों के अनुसार इस किताब को लिखने में करीब 25 से 30 वर्ष का समय लगना चाहिए । जहां वैज्ञानिकों द्वारा इस बात को गलत ठहराया जा रहा था की ऐसी किताब को चमड़े के पन्नों पर लिखना एक दिन का काम हो ही नहीं सकता वही दूसरी ओर कुछ वैज्ञानिकों ने इस पर शोध कर के इसके पीछे छुपे राज को सामना लाए. जो कुछ भी सामने आया उसने वैज्ञानिकों को तो हैरान कर ही दिया था साथ ही लोगों को भी कई सवालों के साथ इस किताब के बारे में जानने पर मजबूर कर दिया था।
बता दें की शोध में ये सामने आया था कि यह किताब शैतान ने एक इंसान को अपने वश में कर के 25 से 30 वर्ष में नहीं बल्कि एक ही दिन में लिखवायी थी ।लेकिन आज तक इस बात का कोई भी शोधकर्ता पता नहीं लगा पाया की इस किताब को किसने और क्यों लिखा था।
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