रायपुर। कोरोना की तेज होती रफ्तार ने आखिरकार प्रशासन को एक बार फिर वही दौर लौटाने पर मजबूर कर दिया है, जिससे बड़ी मुश्किल से छुटकारा मिला था। दुर्ग से शुरु हुआ सख्ती का दौर महज 24 घंटों के भीतर लगभग प्रदेश में लागू हो चुका है। दुर्ग कलेक्टर के बाद रायपुर और अब प्रदेश के सभी प्रमुख जिलों में धारा 144 लागू कर दिया गया है।
बीते साल कोरोना की मार से बचने के लिए गंगा की जो धारा बहाई गई थी, उसमें पहले सख्त लाॅक डाउन था, उसके बाद प्रदेशों की सरकार को अपने विवेक और अधिकार का उपयोग किए जाने की छूट दी गई थी। तब प्रदेश सरकार ने जिलों के कलेक्टरों के कंधे पर भार दे दिया था कि वे अपने विवेक का इस्तेमाल करते हुए नियंत्रण करें।
सालभर बाद कोरोना ने दोबारा उसी अंदाज में वापसी की है, जैसा कि देश में साल 2020 के मार्च में हुआ था। प्रवासी मजदूरों के घर वापसी का जो सिलसिला चला, उसके बाद कोरोना की रफ्तार जैसी बढ़ी थी कि प्रशासन से लेकर डाॅक्टर और पूरा मेडिकल स्टाफ हांफने लगा था। दिवाली के ठीक पहले हालात में कुछ सुधार हुआ, लेकिन उसके बाद पूरे दो महीनों तक जिस गंभीर स्थिति का सामना प्रदेश ने किया, वह किसी से छिपा नहीं है।
इस बार ठीक होली के पहले कोरोना ने जिस वेग से दस्तक दी है, उसकी वजह से शासन और प्रशासन के माथे पर पड़ा बल साफ नजर आ रहा है और आना भी चाहिए था, क्योंकि यह प्रचंड वेग है। इस बार सरकार ने सीधे तौर पर जिलों के कलेक्टरों को नियंत्रण का जिम्मा दिया है। यही वजह है कि जिला प्रशासन ने संभावनाओं को देखते हुए सख्ती भी शुरु कर दी है, जिसकी वास्तव में आवश्यकता है।