राजधानी के नगर पालिका निगम अंतर्गत निर्मित काॅलोनियों के वैध और अवैध होने को लेकर एक बार फिर चर्चा छिड़ गई है। वहीं अवैध काॅलोनाइजरों के खिलाफ एक बार फिर सख्ती का दौर शुरू हो गया है। मप्र नगरपालिका विधि संशोधन विधेयक 2021 में अवैध कॉलोनियां बनाने वालों को रोकने के साथ वैध कॉलोनियों में रहने वाले नागरिकों के अधिकारों को भी सुरक्षा दे दी गई है।
वैध कॉलोनियों को लेकर इसमें दो प्रावधान किए गए हैं –
पहला, यदि कॉलोनाइजर ने कॉलोनी में किसी तरह का विकास कार्य या सड़क अधूरी छोड़ी तो उस कॉलोनी में पड़े कॉलोनाइजर के खाली प्लॉट को मॉर्टगेज करके मिलने वाली राशि से वह कार्य पूरा होगा या राजस्व नियमों के तहत राशि की वसूली होगी।
दूसरा, कॉलोनाइजर ने मंजूर ले-आउट का यदि उल्लंघन किया तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी। इस पर सात साल तक सजा और दस लाख रुपए के जुर्माना का प्रावधान रखा गया है।
इस पर भी होगी कार्रवाई
विधेयक में ले-आउट के बारे में स्पष्ट किया गया है कि यदि कॉलोनी में कहीं खुली जगह, ओपन एरिया, सड़क, हॉल या कुछ और दर्शित जगह हो, जिसका कॉलोनाइजर ने दूसरा इस्तेमाल कर लिया है तो इसे नियमों का उल्लंघन माना जाएगा। ऐसी स्थिति में अवैध कॉलोनी के कॉलोनाइजर पर जो कार्रवाई होगी, वही वैध कॉलोनी के कॉलोनाइजर पर की जाएगी। नए बिल में इसे संज्ञेय अपराध की श्रेणी में रखा गया है। साफ है कि आने वाले समय में एक्ट बनने के बाद लोगों के हित सुरक्षित हो जाएंगे। बता दें कि एक दिन पहले ही कैबिनेट ने इस बिल को मंजूरी दी है।