दुर्ग। कोरोना महामारी फिर से अपने पुराने रूप से भी ज़्यादा भयावह रूप में में दस्तक दे रहा है।प्रत्यक्ष उदाहरण भिलाई सेक्टर 4 में निवासरत बीएसपी सेवानिवृत्त रावत परिवार में देखने को मिला। जहाँ रावत परिवार के चार सदस्यों की कोरोना से मौत हो गयी। भिलाई इस्पात संयंत्र के मशीन शॉप से सेवानिवृत्त 78 वर्षीय हरेंद्र सिंह रावत की मौत बीएसपी मुख्य चिकित्सालय सेक्टर 9 में इलाज के दौरान 16 मार्च को हुई थी, हरेंद्र सिंह की चिता की राख अभी पूरी तरह से ठंडी भी नहीं हो पाई थी, कि उनके बड़े बेटे बीमा अभिकर्ता मनोज सिंह रावत की 21 मार्च को रायपुर एम्स में इलाज के दौरान मौत हो गई रावत परिवार पर जैसे मौत का कहर बरपा हो। बाप-बेटे की चिता से अस्थि चुनने का कार्यक्रम समाप्त भी हो पाया था कि 25 मार्च की सुबह 70 वर्षीय कौशल्या रावत ने भी बीएसपी के मुख्य चिकित्सालय में इलाज के दौरान अंतिम सांस ली।
रावत परिवार का मंझला बेटा रायगढ़ निवासी महेंद्र सिंह रावत मोहल्ले वासियों के साथ मां की चिता को मुखाग्नि देकर घर लौटा ही था कि छोटे भाई मनीष रावत ने भी अंतिम सांस ली घर पर मृतक मनोज और मनीष की पत्नी तथा बच्चे हैं । वही तीन घरों में कोरोना के लक्षण पाए जाने पर निगम ने उस स्टेट में पूरी तरह घेराबंदी करते हुए उसे कंटेंट जोन में डाल दिया है।